
उज्बेकिस्तान के समरकंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से कई अहम मुद्दों पर बात की.
इसके अलावा एससीओ समिट में एक और अच्छी तस्वीर देखने को मिली. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई. यह मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि पाकिस्तान की वजह से भारत और तुर्की के संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहते हैं. पाकिस्तान मुस्लिम देश तुर्की को सऊदी अरब से भी बड़ा दोस्त मानता है.
हालांकि दिनभर यह भी चर्चा होती रही कि पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के साथ भी द्विपक्षीय मुलाकात हो सकती है लेकिन दोनों ही नेता वेटिंग में रहे गए और मुलाकात नहीं हुई. भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि सभी बैठकें जो निर्धारित की गई थीं या जिनके लिए हमारे पास अनुरोध आए थे, उन पर हमने विचार किया था.
मोदी पुतिन से बोले- आज का युग युद्ध का नहीं
समरकंद में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये युग युद्ध का नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर मैंने आपसे बात की थी. आज हम इस पर बात करना चाहेंगे कि शांति के रास्ते पर आगे कैसे बढ़ा जा सके. भारत और रूस कई दशकों तक एक साथ रहे हैं.
इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति जानता हूं. मैं आपकी चिंता समझता हूं. मैं जानता हूं कि आप इन चिंताओं को समझते हैं. हम चाहते हैं कि ये संकट जितना जल्दी हो सके खत्म हो. लेकिन जो दूसरी पार्टी है- यूक्रेन, वे संवाद प्रक्रिया में शामिल ही नहीं होना चाहते हैं. वे कहते हैं कि वे अपने लक्ष्यों को युद्ध के मैदान में हासिल करना चाहते हैं. हम इस बारे में पूरी गतिविधि से आपको अवगत कराते रहेंगे.
मोदी ने ट्रांजिट अधिकार पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ समिट में इससे पहले अफगानिस्तान के लिए मदद में रोड़ा लगाने पर पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई थी. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सदस्य देशों को एक दूसरे को ट्रांजिट का अधिकार देना चाहिए.
इस पर शहबाज शरीफ ने कहा,'चलिए हम एक मजबूत कनेक्टिविट प्लान बनाते हैं, जिसमें मध्य एशिया के देशों की कनेक्टिविटी हो. ऐसे में पड़ोसी समेत सभी को पूरा ट्रांजिट का अधिकार मिल जाएगा. इसमें कोई दो राय नहीं है. ये सभी सदस्य देशों की जीत होगी. मुझे लगता है इस पर काम करने का ये सही समय है.'
दरअसल जब अफगान लोगों के लिए भारत ने गेहूं भेजने की पेशकश की थी तो पाकिस्तान ने भारतीय ट्रकों को अपने बॉर्डर से लंबे समय तक नहीं जाने दिया था.
फूड-फ्यूल सिक्योरिटी की समस्याओं पर रूस करे पहल
पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा कि आज भी दुनिया के सामने जो सबसे बड़ी चुनौतियां हैं, वे विकासशील देशों के लिए फूड सिक्योरिटी, फ्यूल सिक्योरिटी, उर्वरकों की समस्याएं हैं. हमें इस पर रास्ते निकालने होंगे. आपको भी उसपर पहल करनी होगी.
व्लादिमीर पुतिन से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- मैं आपका और यूक्रेन का आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि संकट के काल की शुरुआत में जब हमारे हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे थे, आपकी और यूक्रेन की मदद से छात्रों को हम निकाल पाए.
नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा कि हम पिछले कई दशकों से हर पल एक-दूसरे के साथ रहे हैं. लगातार दोनों देश इस क्षेत्र की भलाई के लिए काम कर रहे हैं. आज SCO समिट में भी आपने भारत के लिए जो भावनाएं व्यक्त की हैं, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं.
तुर्की के राष्ट्रपति से रिश्ते बेहतर बनाने को लेकर मोदी से हुई चर्चा
एससीओ समिट से इतर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई. खुद एर्दोगान ने पीएम मोदी से हाथ मिलाया.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान कई क्षेत्रों में द्विपक्षी सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच उपयोगी चर्चा हुई. उन्होंने ट्वीट किया, "नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और द्विपक्षीय व्यापार में हालिया लाभ की सराहना की. साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
अगले साल भारत करेगा एससीओ समिट की मेजबानी
भारत अलगे साल 23वें शंघाई सहयोग संगठन का मेजबानी करेगा. उजबेकिस्तान में शुक्रवार को भारत को इसकी अध्यक्षता सौंप दी गई. उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री व्लादिमीर नोरोवी ने बताया कि अगले साल के लिए एससीओ की अध्यक्षता भारत को सौंप दी गई है. उन्होंने जानकारी दी,'हम अगले एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत का हर तरह से समर्थन करेंगे. सितंबर 2023 तक यानी पूरे एक साल तक भारत संगठन की अध्यक्षता करेगा.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को मेजबानी मिलने पर बधाई दी. वहीं एएनआई से बात करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि अगले साल शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान की हिस्सेदारी होगी या नहीं, उसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में खाद्य संकट पैदा हुआ: मोदी
SCO समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार एवं संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे उठाए. पीएम मोदी ने कहा, दुनिया तमाम चुनौतियां का सामना कर रही है. ऐसे में एससीओ की भूमिका काफी अहम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में SCO 30% योगदान देता है. SCO देशों में 40% जनसंख्या भी रहती है. भारत SCO देशों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.
उन्होंने कहा कि महामारी और यूक्रेन संकट के बीच ग्लोबल सप्लाई चैन में कई समस्याएं पैदा हुईं. इसके चलते पूरा विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है. SCO को सप्लाई चैन बढ़ाने के लिए प्रयत्न करने चाहिए. हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का प्रयास कर रहे हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है. ये बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. हम हर सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं.