
सूडान के लाल सागर बंदरगाह सुआकिन पर रविवार को एक जहाज डूब गया. इस जहाज में हजारों की संख्या में भेड़ें सवार थीं.
जहाज के डूबने से अधिकतर भेड़ों की मौत हो गई. मरने वाले मवेशियों की कुल कीमत 40 लाख डॉलर थी.
वहीं, जहाज के चालक दल के सभी सदस्य बाल-बाल बच गए.
यह जहाज सूडान से सऊदी अरब मवेशियों को लेकर जा रहा था. जहाज में क्षमता से अधिक मवेशियों को लादा गया था.
सूडान के बंदरगाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, जहाज रविवार तड़के डूब गया. इस जहाज में 15,800 भेड़ें थीं. जहाज में क्षमता से अधिक भेड़ों को लादा गया था.
अधिकारी ने कहा कि जहाज में सिर्फ 9,000 भेड़ों को ले जाने की क्षमता थी लेकिन 15,800 भेड़ों को ले जाया जा रहा था.
एक अन्य अधिकारी ने इस घटना के आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंता जताई.
उन्होंने कहा कि इस हादसे में चालक दल के सभी सदस्यों को बचा लिया गया.
अधिकारी ने कहा, इस जहाज के डूबने से बंदरगाह का संचालन प्रभावित होगा. बड़ी संख्या में मवेशियों के मरने से पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
नेशनल एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के प्रमुख उमर अल-खलीफा ने कहा कि जहाज को डूबने में कई घंटे लगे. इसका मतलब है कि भेड़ों को बचाया जा सकता था.
एसोसिएशन के मवेशी विभाग के प्रमुख सालेह सेलीम ने कहा कि मरने वाले मवेशियों की कुल कीमत 40 लाख डॉलर थी.
उन्होंने बताया कि इन भेड़ों को सुआकिन बंदरगाह पर जहाज में लादा गया था.
उन्होंने कहा कि मवेशियों के मालिकों को लगभग 700 भेड़ें ही जिंदा हालत में मिलीं लेकिन उनकी हालत बहुत खराब है. हमें नहीं लगता कि वे जीवित बच पाएंगी.
सेलीम ने इस घटना की जांच की मांग की है.
पिछले महीने सुआकिन बंदरगाह के कार्गो इलाके में भीषण आग लगी थी, जिस पर कई घंटों तक काबू नहीं पाया गया. इससे भारी नुकसान भी हुआ था. आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई थी.
आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई थी.
सुआकिन एक ऐतिहासिक बंदरगाह है जो कभी मुख्य विदेशी व्यापार का हब हुआ करता था.
सूडान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. पिछले साल सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान की अगुवाई में सैन्य तख्तापलट के बाद से यह संकट और गहरा गया है.