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श्रीलंका के PM महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, देश में इमरजेंसी के बीच राजनीतिक संकट

आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है. राजपक्षे ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है.

महिंदा राजपक्षे (फाइल फोटो) महिंदा राजपक्षे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST
  • महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा
  • राजपक्षे ने लोगों से की संयम बरतने की अपील

श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में इमरजेंसी लागू है. श्रीलंका में इमरजेंसी के बीच अब राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है.महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया है.

महिंदा राजपक्षे के बाद उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रोफेसर चन्ना जयसुमना ने भी राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया. प्रधानमंत्री और स्वास्थ्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा इस द्वीपीय देश में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद दिया है. सोमवार को राजधानी कोलंबो में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा के दौरान उपद्रवी तत्वों ने सत्ताधारी दल के एक सांसद की हत्या कर दी.

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अमेरिका के राजदूत ने हिंसा की निंदा की है. प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महिंदा राजपक्षे ने आम जनता से संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जब भावनाएं उच्च स्तर पर चल रही हैं, हमें ये याद रखना चाहिए कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देगी. महिंदा राजपक्षे ने कहा है कि हम जिस आर्थिक संकट में हैं, उस एक आर्थिक समाधान की जरूरत है.

महिंदा राजपक्षे ने कहा कि आर्थिक संकट के समाधान के लिए ये प्रशासन प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे विरोधियों और महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के बीच सोमवार को हिंसक झड़प हो गई. महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के हमले में 16 लोग घायल हो गए.

कोलंबो में हिंसा के बाद कर्फ्यू

राजधानी कोलंबो में भड़की हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. दूसरी तरफ, विपक्षी दल भी लगातार पीएम के इस्तीफे और संयुक्त सरकार के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इससे पहले महिंदा राजपक्षे ने कहा था कि वे कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं. राजपक्षे के इस बयान के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जाने लगी थीं.

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श्रीलंका में लागू है इमरजेंसी

श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर बढ़ते विरोध-प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 6 मई को देश में इमरजेंसी लगाने का ऐलान कर दिया था. गोटबाया राजपक्षे ने देश में बिगड़ते हालात के बीच इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया था. श्रीलंका में जब इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया गया, बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे. हजारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 4 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी.

आर्थिक संकट के बीच राजनीतिक अस्थिरता

श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच सरकार राजनीतिक मोर्चे पर भी जूझ रही थी. विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. राजनीतिक अस्थिरता के माहौल में राष्ट्रपति पर अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन कर पाने में असफल रहने का आरोप लगाया गया था. विपक्षी दल देश को आर्थिक संकट के भंवर से निकालने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहे थे.

चरमरा गई है श्रीलंका की अर्थव्यवस्था

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. महंगाई बेतहाशा बढ़ी है. बद से बदतर होते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक अंडे के लिए लोगों को 30 और आलू के लिए 380 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. हालात इतने बिगड़ गए कि पेट्रोल पंपों पर सेना की तैनाती करनी पड़ी थी. खाने-पीने की चीजों के साथ ही देश में कागज की भी किल्लत हो गई है जिसकी वजह से परीक्षा कराना भी सरकार के लिए चुनौती साबित हो रही है.

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