
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे. राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को मात देने वाले ट्रंप की कामयाबी से दुनिया हैरान है. एक ऐसा शख्स जिसका राजनीति में कोई अनुभव नहीं है, वो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले सियासत की दुनिया में कदम रखता है और देखते ही देखते हर दिल का मुरीद हो जाता है. हालांकि, ट्रंप इस दौरान अपनी हरकतों और अतीत को लेकर विवादों में भी रहे. लेकिन तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए ट्रंप ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है.
ट्रंप की कामयाबी से ढाई साल पहले भारत में हुए आम चुनाव की याद आ गई, जब बीजेपी की प्रचंड जीत का सेहरा नरेंद्र मोदी के सिर पर सजा था. ट्रंप मोदी के फैन हैं. उन्हें पता है कि नरेंद्र मोदी भारतीय अप्रवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. ट्रम्प कई मौकों पर पीएम मोदी और भारत की तारीफ भी कर चुके हैं. वैसे देखा जाए तो ट्रंप और मोदी के बीच कुछ बातों को लेकर समानता भी है.
1. मोदी की तरह ट्रंप का व्यक्तित्व भी बेहद मुखर है. वो किसी भी मसले पर बेबाक राय रखते हैं और दुश्मन के सामने डटकर खड़ा रहना उनकी खासियत है. ये दोनों ही 'ग्रेट शोमैन' हैं. अच्छे वक्ता हैं और इन्हें पता है कि भीड़ को खुश कैसे करना है. अपने-अपने चुनाव प्रचार के दौरान मोदी और ट्रंप- दोनों ने ही अपने विरोधियों पर तीखे हमले किए.
2. मोदी और ट्रंप- दोनों ही 'नार्सिसिस्ट ' हैं. ऐसे शख्स जो खुद से बेहद प्यार करते हैं. इन्हें लगता है कि ये बेहद प्रतिभाशाली हैं और जनता की दिक्कतें दूर करने के लिए ऊपर वाले ने इन्हें धरती पर भेजा है. ट्रंप ने एक बार जिक्र भी कर दिया था कि किस तरह महिला आलोचक उनके 'गुड लुक' को लेकर कभी हमला नहीं बोलतीं. दूसरी ओर, मोदी के नार्सिसिस्ट होने पर भी लोग बातें करते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मीटिंग के दौरान मोदी ने ऐसा सूट पहना था जिसपर उनका नाम लिखी हुई धारियां बनी थी. इसके अलावा मोदी का सेल्फी को लेकर प्यार भी जगजाहिर है.
3. ट्रंप ने भारतीय मूल के वोटरों का दिल जीतने के लिए नरेंद्र मोदी के मशहूर नारे 'अबकी बार, मोदी सरकार' की नकल कर अपना नारा बनाया, 'अबकी बार, ट्रंप सरकार.' मोदी ने आम चुनाव में जनता को 'अच्छे दिन' का सपना दिखाया था. ट्रंप ने इसी तर्ज पर अमेरिका को फिर से महान बनाने की अपील जनता से की.
4. ट्रंप और मोदी- दोनों पर ही अल्पसंख्यकों के प्रति दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगता रहा है. मोदी ने कोलकाता में अपने एक भाषण के दौरान बांग्लादेशी प्रवासियों पर पाबंदी लगाए जाने की धमकी दी थी. हालांकि उन्होंने एक बार यह भी कहा था कि बांग्लादेशी हिंदू प्रवासियों का भारत में स्वागत है. दूसरी तरफ ट्रंप के दिल में मुसलमानों और मेक्सिको के प्रवासियों के प्रति नफरत है. चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने आईएसआईएस के आतंकवादियों पर बम बरसाने, मुसलमानों को अमेरिका में घुसने से रोकने और मेक्सिको के प्रवासियों को अमेरिका में घुसने से रोकने के लिए बड़ी दीवार बनाए जाने की बात कर चुके हैं. इस तरह दोनों पर ही 'उग्र राष्ट्रवाद' हावी है.
5. ट्रंप और मोदी- दोनों की खासियत है कि इन्हें सत्ता विरासत में नहीं मिली. इन्होंने अपने बूते इसे हासिल की. आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी ने बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को दरकिनार करते हुए पीएम की उम्मीदवारी हासिल की. इसी तरह रिपब्लिकन पार्टी में 'बाहरी' समझे जा रहे ट्रंप ने पार्टी के दिग्गजों के सामने अपनी उम्मीदवारी को सही साबित किया.