
सिंगापुर की संसद में बहस के दौरान प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (Singapore Prime Minister Lee Hsien Loong) ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) का जिक्र किया. सिंगापुर की संसद में ली सीन लूंग ने जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए बताया कि देश में लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए.
पीएम ली मंगलवार को संसद में वर्कर्स पार्टी के पूर्व विधायक रईसा खान द्वारा की गई झूठी बयानबाजी के बारे में हुई शिकायतों पर विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रख रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा , 'ज्यादातर देश उच्च आदर्शों और महान मूल्यों के आधार पर स्थापित होते हैं और अपनी यात्रा शुरू करते हैं. हालांकि, अक्सर संस्थापक नेताओं और अग्रणी पीढ़ी से इतर, दशकों और पीढ़ियों में धीरे-धीरे चीजें बदलती रहती हैं.'
उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता के लिए लड़ने और जीतने वाले नेता अक्सर साहस, महान संस्कृति और उत्कृष्ट क्षमता वाले असाधारण व्यक्ति होते हैं. ये नेता मुश्किलों से पार पाए, जनता और राष्ट्रों के नेताओं के रूप में भी उभरते है. डेविड बेन-गुरियन, जवाहर लाल नेहरू ऐसे ही नेता हैं.'
राजनीति बदलती रहती हैः पीएम ली
प्रधानमंत्री ली ने कहा कि राजनीति बदलती रहती है, राजनेताओं के प्रति सम्मान घटता है और आप इससे बेहतर की उम्मीद नहीं कर सकते. इसलिए, मानक खराब हो जाते हैं. नेताओं में विश्वास कम हो जाता है और देश में और गिरावट आती है. ली ने कहा कि प्रत्येक सफल पीढ़ी को उस प्रणाली की रक्षा और निर्माण करना चाहिए जो सिंगापुर को विरासत में मिली है.
उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र परिपक्व हो सकता है, गहरा हो सकता है और अधिक लचीला हो सकता है. अगर शासित और शासक दोनों सही मानदंडों और मूल्यों को गले लगाएंगे. इस दौरान ली ने यह भी कहा कि अगर सिंगापुर इन बातों को अपनाता है तो देश फलता-फूलता रहेगा.