
दक्षिण अफ्रीका के नेशनल प्रोसेक्यूशन अथॉरिटी ने इंटरपोल से भारतीय मूल के कारोबारी अतुल और राजेश गुप्ता, उनकी पत्नियों व कारोबारी सहयोगियों के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है.
गुप्ता परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है. दक्षिण अफ्रीका की कई कंपनियों की कमान उनके हाथों में है. माना जा रहा है कि वे अपने परिजन के साथ दुबई में स्व-निर्वासन में हैं. बताया जाता है कि गुप्ता परिवार के कुछ सदस्य भारत में हैं. हालांकि, परिवार ने उन पर लगे आरोपों से इनकार किया है.
बहरहाल, एक समाचार एजेंसी ने एक अफसर के हवाले से बताया कि फ्री स्टेट प्रांत में एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और 2.5 करोड़ रैंड (दक्षिण अफ्रीका की मुद्रा) की धोखाधड़ी केस में कथित भूमिका के चलते उन पर मुकदमा चलाया जाना है. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उन्हें दक्षिण अफ्रीका लाया जा सके. एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना फेल हो गई थी.
इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक, रेड नोटिस दुनियाभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से वांछित शख्स की तलाश करने, उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध करने के लिए जारी किया जाता है. इसके बाद प्रत्यर्पण और अन्य कानूनी कार्रवाई होती है.अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय पर यह आरोप भी है कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपनी कथित करीबी का फायदा उठाते हुए उन्होंने सरकारी निगमों में अरबों रैंड की हेराफेरी की.
नेशनल प्रोसेक्यूशन अथॉरिटी में जांच निदेशालय की प्रवक्ता सिंडिसिवे सेबोका ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका की भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि है. सेबोका ने बताया कि एस्टिना परियोजना से आए 2.5 करोड़ रैंड उस कंपनी के खाते में गए जिस पर अतुल, राजेश और उनकी पत्नियों क्रमश: चेताली और आरती का पूरा नियंत्रण है.
जांच निदेशालय के प्रमुख हरमाइन क्रोंजे ने जारी बयान में कहा कि नेशनल अथॉरिटी ने इंटरपोल से अनुरोध किया है कि गुप्ता बंधुओं और उनकी पत्नियों के अलावा उनसे जुड़ी कंपनियों के निदेशकों अंकित जैन, रमेश भट्ट और जगदीश पारेख के खिलाफ भी रेड नोटिस जारी किया जाए. इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी रवींद्र नाथ भी वांटेड हैं.