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भारत में एग्जिट पोल के बीच इस देश के चुनाव नतीजों ने चौंकाया!

साउथ अफ्रीका को रंगभेद से निजात दिलाने वाली नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) इस बार चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. हालांकि, सबसे ज्यादा वोट इसी पार्टी को मिले हैं लेकिन बहुमत से दूर होने की वजह से देश में पहली बार गठबंधन की सरकार बन सकती है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) 30 साल में पहली बार देश के आम चुनावों में बहुमत हासिल करने से चूक गई है. हालांकि, वोटों के प्रतिशत के मामले में एएनसी ही सबसे ऊपर है लेकिन बहुमत से पीछे रह गई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, साउथ अफ्रीका में आम चुनावों की वोटों की गिनती करीब-करीब पूरी हो गई है. करीब 40 फीसदी वोटों के साथ नेल्सन मंडेला की एएनसी पार्टी सबसे आगे है. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस को करीब 21 फीसदी लोगों ने वोट किया है.

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साल 2018 में एएनसी पार्टी से निकाले गए पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की पार्टी ने करीब 15 फीसदी वोट हासिल किए हैं. जैकब जुमा की पार्टी तीसरे नंबर पर रही है.

किंगमेकर बन सकते हैं जैकब जुमा

अगर साउथ अफ्रीका में गठबंधन की सरकार बनती है तो जैकब जुमा किंगमेकर भी साबित हो सकते हैं. बता दें कि साल 2018 में सेक्स स्कैंडल और भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद उन्हें एएनसी पार्टी से भी निकाल दिया गया था. इसके बाद जैकब जुमा ने अपनी 'एमके' पार्टी बनाई थी.

रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा ने एएनसी पार्टी को छोड़ने के बाद उसी के वोट बैंक में सेंधमारी भी की है. मंडेला की पार्टी को साउथ अफ्रीका में बहुमत नहीं मिलने की भी यही वजह बताई जा रही है.

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डेमोक्रेटिक अलायंस और जैकब जुमा की पार्टी के अलावा लेफ्ट विचारधारा वाली पार्टी ईएफएफ को करीब 9 फीसदी मत हासिल हुए हैं. 

चुनाव के फाइनल रिजल्ट तक अगर मंडेला की पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो सरकार चला रहे राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को दूसरे सहयोगी दलों से समर्थन हासिल करना पड़ सकता है. 

एएनसी पार्टी को ऐसी स्थिति में जैकब जुमा या वाम पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार बनानी पड़ सकती है. साउथ अफ्रीका की संसद में 400 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 201 सीटें और 50 फीसदी वोटों का होना जरूरी है.

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