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दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के देश छोड़ने पर प्रतिबंध, फिर महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष

राष्ट्रपति पद पर बने रहने के बावजूद, यून सुक योल और उनके करीबी सहयोगियों पर कई जांचें चल रही हैं, जिनमें कथित विद्रोह की जाँच भी शामिल है. न्याय मंत्रालय ने सोमवार को पुष्टि की कि यून पहले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति हैं, जिन पर पदसीन रहते हुए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा है.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल. (AP Photo) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल. (AP Photo)
aajtak.in
  • सियोल,
  • 09 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. देश के न्याय मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति यून को मार्शल लॉ घोषित करने के लिए उनके खिलाफ शुरू की गई जांच के कारण किसी भी विदेश यात्रा या देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने मार्शल लॉ लगाकर एक हफ्ते से भी कम समय में देश को अराजकता में डाल दिया था. विपक्ष यून को सत्ता से हटाने के लिए उनके खिलाफ एक बार फिर संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है.

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यून ने 3 दिसंबर की रात को अचानक मार्शल लॉ घोषित कर दिया था और संसद में विशेष बल और हेलीकॉप्टर भेज दिए थे. ​विपक्ष के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश को अस्वीकार करके उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर किया. राष्ट्रपति यून को महाभियोग का सामना करना पड़ा और अब उनके अचानक लिए गए फैसले की आपराधिक जांच हो रही है. हालांकि, संसद में वह महाभियोग प्रस्ताव से बाल-बाल बच गए, जिसके बाद पूरे सियोल में विरोध प्रदर्शन बढ़ गया, जिसमें राष्ट्रपति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई.

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उन्हें सत्ता से बाहर करने की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में भारी भीड़ ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति पद पर बने रहने के बावजूद, यून सुक योल और उनके करीबी सहयोगियों पर कई जांचें चल रही हैं, जिनमें कथित विद्रोह की जाँच भी शामिल है. न्याय मंत्रालय ने सोमवार को पुष्टि की कि यून पहले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति हैं, जिन पर पदसीन रहते हुए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा है. पिछले हफ्ते, राष्ट्रपति यून ने उत्तर कोरिया समर्थित 'देश-विरोधी' और 'कम्युनिस्ट' ताकतों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी. 

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मार्शल लॉ भले ही केवल छह घंटे तक चला, लेकिन इससे दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अशांति की लहर फैल गई क्योंकि सांसदों और नागरिकों ने यून को पद से हटाने की मांग की. नतीजन यून को अपना आदेश वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा. तब से, उनके महाभियोग की मांग को लेकर दक्षिण कोरिया की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्ष ने यून के साथ पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून और आठ अन्य अधिकारियों के खिलाफ 'विद्रोह' का हिस्सा होने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज की है. पूर्व रक्षा मंत्री को अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.

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