
'बेलगाम' हुआ चीनी रॉकेट का 23 टन मलबा शुक्रवार को प्रशांत महासागर में आकर गिरा. यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. अपने ट्वीट में अमेरिकी स्पेस कमांड ने कहा, "यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड पुष्टि कर सकता है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट दक्षिण-मध्य प्रशांत महासागर के ऊपर 4:01 बजे पर वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया."
दरअसल, चीनी रॉकेट के विफल लॉन्च के बाद वैज्ञानिकों की चेतावनी के बाद स्पेन ने कई एयरपोर्टों के एयरबेस को बंद कर दिया गया था. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि अनियंत्रित 23 टन वजनी चीनी रॉकेट तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. इसका मलबा कभी भी पृथ्वी पर आकर गिर सकता है, जिससे कई देशों को गंभीर खतरा भी बना हुआ था.
बता दें कि चीनी रॉकेट मेंग्शन सोमवार दोपहर दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान पर वेनचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से भेजा गया था. चीनी वैज्ञानिकों का दावा था कि इस रॉकेट को अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने के लिए 13 घंटे का समय लगता. मेंग्शन का वजन करीब 23 टन, ऊंचाई 58.7 फुट और मोटाई 13.8 फुट है.
5 नवंबर को वायुमंडल में ध्वस्त होने की थी आशंका
इससे पहले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि ये रॉकेट पांच नवंबर को वायुमंडल में ही ध्वस्त होगा और इसका मलबा टूटकर पृथ्वी में कहीं भी आकर गिर सकता है. हालांकि यह पहले ही नीचे गिर गया. यह पहली बार नहीं है जब चीन का कोई रॉकेट बेलगाम हुआ है. इससे पहले इसी साल जुलाई में भी चीन का एक रॉकेट लॉन्च होने के बाद वापस पृथ्वी पर आकर गिरा था. तब इस चीनी रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी का मलबा मलेशिया और आसपास के देशों में आकर गिरा था.