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Sri Lanka Crisis: अब खाद्य संकट से जूझ रहा श्रीलंका, 60 लाख से अधिक लोगों के सामने बड़ी चुनौती

श्रीलंका को अपने 20 लाख से अधिक लोगों के बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में लगभग 5 बिलियन अमरीकी डालर की आवश्यकता है, जो लंबी कतारों, बिगड़ती कमी और बिजली कटौती से जूझ रहे हैं.

22 करोड़ की आबादी वाला श्रीलंका 1948 में आजाद होने के बाद के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. 22 करोड़ की आबादी वाला श्रीलंका 1948 में आजाद होने के बाद के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST
  • पिछले तीन महीनों में श्रीलंकाई लोगों की आय में भी आई गिरावट
  • श्रीलंकाई क्रिकेटर बोले- भारत हमारी बहुत मदद रहा है

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 60 लाख से अधिक लोगों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के हवाले से कहा गया है कि श्रीलंका की 28 प्रतिशत से अधिक आबादी खाद्य संकट से जूझ रही है. दावा किया गया है कि ये स्थिति और खराब हो सकती है. फिलहाल, श्रीलंका खाद्य के अलावा विदेशी मुद्रा संकट से भी गंभीर रूप से जूझ रहा है. श्रीलंकाई सरकार आवश्यक आयात के बिल को भी चुकाने में असमर्थ है. 

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आर्थिक संकट के कारण खाना, दवा, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है, जिससे श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है. 

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) ने शुक्रवार को एक स्थिति रिपोर्ट में कहा कि देश में 63 लाख लोग यानी 28.3 प्रतिशत आबादी के सामने खाने का संकट है. अगर स्थितियां नहीं सुधरीं तो ये संकट और बढ़ सकता है. WFP ने कहा कि खाने-पीने के सामानों की आसमान छूती कीमतों के चलते करीब लोग पर्याप्त आहार नहीं ले पा रहे हैं. 

पिछले तीन महीनों में आय में भी आई गिरावट

पिछले तीन महीनों में श्रीलंकाई नागरिकों की आय में भी गिरावट आई है. पांच में से दो परिवारों ने बताया कि उनकी आय आधी हो गई है. जून 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 80 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. 

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भारत ने श्रीलंका को दिए ये आश्वासन

भारत ने शनिवार को श्रीलंका को आश्वासन दिया कि वह अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक उथल-पुथल के बीच देश में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करना जारी रखेगा. भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंकाई नेता से मुलाकात के दौरान संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को यह आश्वासन दिया. उच्चायुक्त बागले ने लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को बनाए रखने में संसद की भूमिका की सराहना की.

बता दें कि भारत इस वर्ष श्रीलंका को विदेशी सहायता का प्रमुख स्रोत रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस द्वीपीय देश के सामने मौजूद अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिए श्रीलंका की यथासंभव मदद करने की कोशिश कर रहा है.

संकट के बीच श्रीलंका में ऐसे बांटा जाएगा ईंधन

श्रीलंका में जारी संकट के बीच ईंधन वितरण का नया तरीका निकाला गया है. इसके मुताबिक, आईडी कार्ड दिखाने पर एक सप्ताह में एक वाहन चालक को दो बार तेल दिया जाएगा. गाड़ी का चेसिस नंबर और अन्य डिटेल वेरिफाई होने पर क्यूआर कोड आवंटित किया जाएगा. इस क्यूआर कोड से ईंधन भरने के लिए नंबर प्लेट के अंतिम अंक के अनुसार सप्ताह के 2 दिन तेल दिया जाएगा. उधर, गैस स्टेशनों के बाहर अभी भी कई किलोमीटर की लंबी लाइन लग रही है. ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के लिए भी नए डिस्ट्रिब्यूशन पॉलिसी पर काम किया जा रहा है. 

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श्रीलंकाई क्रिकेटर बोले- भारत हमारी बहुत मदद रहा है

श्रीलंकाई क्रिकेटर चमिका करुणारत्ने ने कहा है कि भारत एक भाई देश की तरह है और वे हमारी बहुत मदद कर रहे हैं. मैं उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. हम जब समस्याओं से जूझ रहे हैं तो वे हमारा समर्थन कर रहे हैं. इसके लिए भारत का धन्यवाद. हर चीज के लिए धन्यवाद. हम और बेहतर होते जाएंगे.

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