
श्रीलंका में इन दिनों हालात काफी भयावह हैं. देश में दूध, दवाइयां, पानी, फल, सब्जियां समेत जरूरत की चीजों की किल्लत हो गई है. रोजमर्रा के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. आलम ये है दवा, दूध और पानी का संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि देश में चाय की एक चुस्की लेने के लिए 80 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. जिदंगी की सबसे बड़ी जरूरत पीने का पानी बहुत महंगा हो गया है.
2019 से शुरू हुई आर्थिक तंगी अब इस हद तक पहुंच गई है कि पूरा देश दिवालिया होने की कगार पर है. इसका खामियाजा श्रीलंका की जनता भुगत रही है. बुनियादी चीजों की पूर्ति के लिए भी लोग मुसीबत झेल रहे हैं. सुपर मार्केट खाली हो गए हैं. ना बच्चों के लिए दूध है ना अंडे हैं न पीने का पानी है.
देश में जीना भी दूभर हो गया
कोलंबो के रहने वाले जोसफ ने आजतक को बताया कि अब तो यहां जीना भी दूभर हो गया है. क्योंकि हर चीज के दाम बढ़ गए हैं. मिडिल क्लास फैमिली के लिए सर्वाइव करना मुश्किल है. इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जो अभी हो रहा है. डीजल-पेट्रोल के हालात ऐसे हैं कि पेट्रोल पंप पर सरकार को फौज खड़ी करने पड़ रही है. कोलंबो के पेट्रोल पंप पर लोग दो दिन से लाइन लगाकर इस आस में बैठे हैं कि उन्हें जरूरतभर का तेल मिल सके.
श्रीलंका की विपक्षी पार्टियों की बैठक जारी
बता दें कि राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है. पूरे देश में जगह-जगह लोगों का प्रदर्शन चल रहा है. लोग सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. वहीं, श्रीलंका की विपक्षी पार्टियों की बैठक लगातार जारी है. विपक्ष ने सिविल सोसाइटी के साथ राजपक्षे सरकार के खिलाफ 3 अप्रैल को देशभर में भारी प्रदर्शन का आह्वान किया है.
गलत नीतियों की वजह से मुश्किल बढ़ी
विपक्षी नेताओं के गठबंधन तमिल प्रोग्रेसिव एलायंस के नेता नानू गणेसन ने इंडिया टुडे और आजतक से कहा कि श्रीलंका में राजपक्षे परिवार सरकार चला रही है, 2019 के बाद इनकी गलत नीतियों के चलते जो कर्ज उठाया गया, उसने श्रीलंका को बर्बाद कर दिया है.
इसलिए जनता सड़कों पर उतरी
विपक्ष के दूसरे नेता और विपक्षी सांसद मुजबिर रहमान ने कहा कि जब तक यह सरकार इस्तीफा नहीं देती, तब तक कुछ बेहतर नहीं होगा. क्योंकि श्रीलंका में खाने-पीने से लेकर बुनियादी चीजों की ऐसी किल्लत हो गई है कि अब जनता परेशान है. इसलिए वह सड़कों पर उतर रही है.
सोमवार तक बढ़ाया गया कर्फ्यू
कोलंबो में नेलम पोकुना महिंदा राजपक्षे थिएटर के बाहर श्रीलंकाई नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं मौजूदा संकट को लेकर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद सोमवार सुबह तक कर्फ्यू लगा दिया है.