
श्रीलंका का ऊर्जा संकट इतना गहरा गया है कि अब वहां के लोगों को रोजाना कुछ घंटों के लिए अंधेरे में रहना पड़ रहा है. देश में ईंधन की भारी कमी है जिसे देखते हुए बिजली की कटौती की जा रही है. सोमवार को श्रीलंका में एक घंटे का पावर कट लोगों को झेलना पड़ा और आज यानी मंगलवार को ये पावर कट 2 घंटे का होने वाला है.
सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंजीनियर्स यूनियन (CEBEU) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ईंधन की कमी के कारण पर्याप्त बिजली उत्पादित नहीं हो पा रही है. CEBEU के सदस्य एरंगा कुदाहेवा ने कहा कि मंगलवार से रोजाना दोपहर 1.30 से रात 9.30 बजे के बीच दो घंटे बिजली गुल रहेगी.
मीडिया से बात करते हुए कुदाहेवा ने कहा, 'भट्ठी के तेल (Furnace Oil) की कमी के कारण सपुगस्कंद पावर प्लांट पूरी तरह से बंद है और कोलंबो बंदरगाह पर बार्ज पावर प्लांट में केवल छह से सात घंटे की बिजली पैदा करने के लिए फर्नेस ऑयल बचा है.'
कुदाहेवा ने कहा कि चुन्नकम, जाफना में उथुरु जननी पावर स्टेशन में लगभग ढाई दिनों के लिए फर्नेस ऑयल है. उन्होंने ये भी बताया कि केलानितिसा संयंत्र में केवल साढ़े तीन दिनों के लिए डीजल बचा है.
कुदाहेवा ने कहा कि रात में पीक आवर्स में 100 मेगावाट बिजली की कमी पड़ती है इसलिए रात को पावर कट किया जा रहा है.
विदेशी मुद्रा की कमी ऊर्जा संकट की सबसे बड़ी वजह
श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है. इस कारण उसके पास ईंधन आदि के आयात के लिए डॉलर की भारी कमी है. श्रीलंका की सरकारी ऑयल और गैस कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) इसी कारण देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) को ईंधन और फर्नेस ऑयल की सप्लाई नहीं कर पा रही है.
देश में जलविद्युत की सप्लाई पर भी असर पड़ा है क्योंकि हाइड्रो पावर उत्पादन के लिए जलाशयों में पर्याप्त जल-स्तर नहीं है. देश के बड़े पावर प्लांट्स में शुमार नोरोचचोलाई कोयला बिजली संयंत्र बंद कर दिया गया है जिससे देश में बिजली संकट और गहरा हो गया है.
CEB के पास जनवरी की शुरुआत में ही ईंधन की कमी हो गई थी जिसके बाद बोर्ड ने एक घंटे 45 मिनट की बिजली कटौती की सिफारिश की थी. लेकिन CPC ने CEB को फर्नेस ऑयल और डीजल के कुछ स्टॉक की आपूर्ति की थी जिसके बाद पावर कट कुछ समय के लिए टाल दिया गया था.
विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण श्रीलंका को बिजली उत्पादन के साथ-साथ दैनिक परिवहन और देश की अन्य खपत के लिए फर्नेस ऑयल और ईंधन प्राप्त करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.
क्या बोले बिजली मंत्री?
बिजली मंत्री गामिनी लोकुगे ने दावा किया है कि सरकारी बिजली संयंत्रों पर निर्भर रहने के बजाय अब श्रीलंका के स्वतंत्र पावर सप्लायर्स से अधिक बिजली खरीदने की कोशिश की जा रही है.
लोकुगे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा, 'हम हमेशा बिना किसी बिजली कटौती के बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं. मैं देख रहा हूं कि हर कोई अप्रत्यक्ष रूप से यह कहने की कोशिश कर रहा है कि हमें स्वतंत्र ताप विद्युत संयंत्रों पर निर्भर रहना चाहिए. वे हमारी अपनी मशीनों का उपयोग करके बिजली पैदा करने के तरीके के बारे में नहीं सोच रहे हैं.'
बिजली मंत्री के आवास पर ही ये प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी. इसी दौरान श्रीलंका में पावर कट भी चल रहा था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गामिनी लोकुगे ने कहा, 'मैंने आज राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है. राष्ट्रपति ने मुझसे कहा है कि मैं फर्नेस ऑयल खरीदने के लिए सेंट्रल बैंक के गवर्नर से बात करूं ताकि पैसों का इंतजाम हो सके.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे बताया गया है कि कुछ मात्रा में फर्नेस ऑयल अभी भी उन बिजली संयंत्रों में बचा है जिन्हें हमने बंद कर दिया है. लगभग 2,000-25,00 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल बचा है. मैंने अधिकारियों से इस पर गौर करने और उस तेल को उन बिजली संयंत्रों में पहुंचाने के लिए कहा है जो अभी काम कर रहे हैं.'
लोकुगे ने कहा कि CEB पावर कट को रोकने का प्रयास कर रही है. लेकिन फिर भी अगर पावर कट करने की नौबत बनी रही तो एक शेड्यूल जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास है कि कोयले से चलने वाला नोरोचचोलाई बिजली संयंत्र 25 जनवरी से फिर से पूरी तरह से चालू हो जाएगा.'