
श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को वोटिंग होगी. ये चुनाव देश के भविष्य का फैसला करेगा, क्योंकि ईस्टर के दौरान हुए बम विस्फोट और बढ़ती राजनीतिक ध्रुवीकरण के बाद श्रीलंका सुरक्षा चुनौतियों से जूझता रहा है.
चुनाव में पूर्व रक्षा सचिव गोतबया राजपक्षे और सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिलेगा. नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के अनुरा कुमारा डिसनायके भी एक मजबूत उम्मीदवार हैं. मैदान में कुल 35 उम्मीदवार हैं जिन्हें लगभग 1.5 करोड़ मतदाता वोट देंगे. फिलहाल मैत्रीपाला सिरिसेना राष्ट्रपति हैं.
सबसे महंगा चुनाव
यह चुनाव देश के इतिहास में सबसे महंगा भी होगा, चुनाव आयोग ने अनुमान लगाया है कि इसकी लागत 7.5 अरब श्रीलंकाई रुपये (4.1 करोड़ डॉलर) है. डेली फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि 26 इंच का बैलेट पेपर, बड़े बैलेट बॉक्स, चुनाव ड्यूटी पर सैकड़ों अतिरिक्त कर्मचारी और पानी, टेलीफोन और बिजली के बिल जैसे अतिरिक्त खर्च ऐसे कारक हैं, जिन्होंने चुनावी बिल को बढ़ा दिया है.
शांतिपूर्ण मतदान की अपील
इस बीच, आठ अक्टूबर को शुरू हुआ चुनाव प्रचार बुधवार मध्यरात्रि को थम गया. चुनाव में दो प्रमुख उम्मीदवार आवासीय एवं निर्माण मंत्री साजित प्रेमदासा और पूर्व रक्षामंत्री गोतबया राजपक्षे शामिल हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि 60,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में सशस्त्र बल भी तैनात किए जाएंगे. आज तक कोई बड़ी चुनावी हिंसा नहीं हुई है और आयोग शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव के संपन्न होने की उम्मीद कर रहा है. राजनीतिक दलों से किसी भी उल्लंघन को रोकने और स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है.(आईएएनएस से इनपुट)