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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस्तीफे पर दस्तखत कर छोड़ा देश, मालदीव पहुंचे गोटबाया राजपक्षे

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफे पर दस्तखत कर ये शर्त रख दी थी कि वे अपने परिवार के साथ देश से बाहर जाना चाहते हैं. उन्होंने सुरक्षित देश से बाहर जाने दिए जाने की गारंटी मांगी थी. इस्तीफे के आधिकारिक ऐलान के ठीक पहले रात के समय गोटबाया ने देश छोड़ दिया है. वे मालदीव पहुंच गए हैं.

मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, तीन दिन पहले राष्ट्रपति ने स्पीकर को इस्तीफे की जानकारी दी थी. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, तीन दिन पहले राष्ट्रपति ने स्पीकर को इस्तीफे की जानकारी दी थी.
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST
  • राष्ट्रपति के भाई को लोगों ने देश छोड़ने से रोका
  • राजपक्षे परिवार को लेकर लोगों में भारी आक्रोश

श्रीलंका के राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस्तीफे के आधिकारिक ऐलान से पहले देश से बाहर जा चुके हैं. गोटबाया राजपक्षे देर रात मालदीव पहुंच गए हैं. गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पहले परिवार समेत खुद के लिए सुरक्षा मांगी थी.

गोटबाया राजपक्षे ने शर्त रखते हुए कहा था कि वे परिवार समेत देश से बाहर जाना चाहते हैं. ऐसे में सुरक्षित भेजे जाने की गारंटी दी जाए. गोटबाया की तरफ से तीन दिन पहले ही ये ऐलान कर दिया गया था कि वे 13 जुलाई को पद से इस्तीफा दे देंगे. गोटबाया इस्तीफे पर दस्तखत भी एक दिन पहले ही कर दिए थे.

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वहीं, डेली मिरर के मुताबिक गोटाबाया राजपक्षे ने अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसमें तारीख 13 जुलाई लिखी है. अब गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफे को लेकर बुधवार को स्पीकर अभयवर्धने सार्वजनिक तौर पर ऐलान करेंगे.

बताते चलें कि तीन दिन पहले राष्ट्रपति ने स्पीकर को इस्तीफे की जानकारी दी थी. लेकिन पिछले दो दिनों में स्पीकर से बातचीत के दौरान इस्तीफे का जिक्र नहीं हुआ है. बुधवार को गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना है, लेकिन उससे पहले उन्होंने खुद के और परिवार के लिए देश से बाहर जाने के लिए सुरक्षित पैसेज मांगा है.

कल रात भाई ने श्रीलंका छोड़ने की कोशिश की थी

बीती रात राजपक्षे के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टाफ और एयरपोर्ट कर्मियों ने देश छोड़ने से रोक लिया था. भारी प्रदर्शन और इमीग्रेशन स्टाफ की अनुपस्थिति में बासिल राजपक्षे को वापस लौटना पड़ा था. बासिल श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री हैं. हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया था. राजपक्षे परिवार के खिलाफ श्रीलंका में भारी रोष देखने को मिल रहा है. लोगों को आशंका थी कि राजपक्षे परिवार जल्दी ही देश छोड़कर भागने की कोशिश करेगा. 

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अगर इस्तीफा नहीं दिया तो बिगड़ सकते हालात

ऐसे में खुद पर और परिवार पर खतरे को देखते हुए प्रेसिडेंट गोटबाया राज्यपक्षे ने इस्तीफे से पहले शर्त रखी है. अगर बुधवार को राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देते हैं तो कोलंबो में हालात और खराब होने की संभावना जताई जा रही है.

40 घंटे से इस्तीफे पर चुप्पी साधे हैं राजपक्षे

सूत्रों की मानें तो राजपक्षे तब तक इस्तीफा नहीं देंगे, जब उन्हें परिवार समेत देश से बाहर सुरक्षित नहीं छोड़ दिया जाता. फिलहाल, विपक्ष से बातचीत चल रही है. लेकिन अभी तक कोई भी दल इस सुझाव को मानने को तैयार नहीं है. स्पीकर हाउस के सूत्रों की मुताबिक, तीन दिन पहले राष्ट्रपति ने स्पीकर से बात की थी और बुधवार को इस्तीफे देने के बारे में सूचना दी थी. लेकिन पिछले 40 घंटे के दरम्यान उन्होंने स्पीकर के साथ बुधवार को संभावित इस्तीफे के बारे में कोई बातचीत नहीं की.

श्रीलंका की स्थिति बेहद जटिल और संवदेनशील: एस जयशंकर

वहीं, श्रीलंका को लेकर भारत के विदेश एस जयशंकर ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका की स्थिति बेहद संवेदनशील और बेहद जटिल है. मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली की प्रतिबद्धता और समर्थन द्विपीय राष्ट्र के मैत्रीपूर्ण लोगों के लिए है. हम उन्हें जीवन के बेहद कठिन दौर में मदद करना चाहते हैं.

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एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ महीनों में श्रीलंका के लोगों का अत्यधिक समर्थन किया है. मैं आपको जो बता सकता हूं- वह यह है कि हमारी प्रतिबद्धता, हमारा समर्थन श्रीलंकाई लोगों के लिए है क्योंकि वे हमारे पड़ोसी हैं, वे मिलनसार लोग हैं. हम उनके जीवन के बहुत कठिन दौर से गुजरने में मदद करना चाहते हैं. क्योंकि दोस्ती की इस भावना के लिए हमने पिछले कुछ महीनों में उनका बेहद समर्थन किया है.

राजपक्षे परिवार के सदस्यों को भारत में शरण देने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि अभी भारत का ध्यान श्रीलंका की आर्थिक स्थिति पर है. हम उनकी कैसे मदद कर सकते हैं. हमारा अन्य मामलों से संबंध नहीं है.

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