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पावर भी, परिवार भी... वो 'मैरिज डिप्लोमेसी' जो अमेरिका को इजरायल से सीधा जोड़ती है!

अमेरिका के बड़े नेताओं, अधिकारियों के कई ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने यहूदियों से शादी की है. कई राष्ट्रपतियों के बच्चों ने यहूदियों संग नाता जोड़ा है. कुछ ने तो इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वो अपनी आने वाली पीढ़ी को एक यहूदी के रूप में देखना चाहते हैं और उन्हें यहूदी परंपरा में ही ढालना चाहते हैं.

इजरायल-अमेरिका की दोस्ती में मैरिज डिप्लोमेसी का रोल. (सांकेतिक तस्वीर) इजरायल-अमेरिका की दोस्ती में मैरिज डिप्लोमेसी का रोल. (सांकेतिक तस्वीर)
आकाश सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

'मैरिज डिप्लोमेसी', पॉलिटिक्स ऑफ मैरिज... इन शब्दों से भले ही आपका रोज का राबता न हो लेकिन इनका इतिहास बहुत पुराना है. पौराणिक कथाओं से लेकर आधुनिक इतिहास से होते हुए मौजूदा समय तक अनेक ऐसे रिश्ते बने और बनाए गए हैं जिनके पीछे एक डिप्लोमेसी (कूटनीति) रही है. पौराणिक कथाओं में राज्य की सीमा बढ़ाने के लिए अक्सर दो राजघरानों में शादियां होती थीं. लिखित इतिहास में भी जिक्र मिलता है जब कई बड़े घरानों में शादियां प्रेम की तुलना में वंशवाद और कूटनीति के बारे में अधिक थीं. इसका उद्देश्य दूसरे देशों से संबंध को बेहतर करने और खुद की हिफाजत के लिए हुआ. 1251 में स्कॉटलैंड के राजा अलेक्जेंडर III और इंग्लैंड की रानी के बीच हुई शादी इसका उदाहरण है. अलेक्जेंडर III की जिस वक्त शादी हुई थी उनकी उम्र महज 7 साल थी. लेकिन राजशाही के खात्मे के बाद जब दुनिया में धीरे-धीरे लोकतंत्र पनपा तो मैरिज डिप्लोमेसी के तरीके भी बदले. 

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वर्चस्व, दबदबा, रुतबा और एक-दूसरे पर कब्जा अब भी नहीं बदला है. लिहाजा मैरिज डिप्लोमेसी भी नहीं बदली है. बस अब इसके तरीके में बदलाव आया है. इसके उदाहरण हमें देश-दुनिया में दिखते भी हैं. लेकिन सवाल ये है कि मैरिज डिप्लोमेसी या शादी के राजनीतिक संबंध की चर्चा आज क्यों जरूरी है? इसके जवाब पर आने से पहले एक नजर डालनी होगी, मौजूदा समय में दुनिया में हो रही सबसे बड़ी हलचल पर. मिडिल ईस्ट में इजरायल ईरान-लेबनान समेत कुछ देशों से कई मोर्चों पर जंग कर रहा है. लेकिन इसके पीछे इजरायल के साथ अमेरिका खड़ा है.

ये पहली बार नहीं है जब इजरायल के समर्थन में अमेरिका इस तरह से सामने आया हो. कई उदाहरण हैं जब अमेरिका ने खुले तौर पर इजरायल का समर्थन किया है. अब जिस तरह हर कहानी के कई पहलू होते हैं, वैसे ही इस अटूट रिश्ते के पीछे भी कई तर्क दिए जाते हैं. संसाधन, मिडिल ईस्ट पर कब्जा, मजबूत अलायंस...आदि आदि...लेकिन इन तमाम बहसों में एक नाता इस मैरिज डिप्लोमेसी का भी झलकता है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं. इजरायल-अमेरिका में इस दोस्ती के पीछे कई ऐसे 'खास रिश्ते' हैं जो इनके बॉन्ड को मजबूत करते हैं.

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दरअसल, अमेरिका के बड़े नेताओं, अधिकारियों के कई ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने यहूदियों से शादी की है. कई राष्ट्रपतियों के बच्चों ने यहूदियों संग नाता जोड़ा है. कुछ ने तो इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वो अपनी आने वाली पीढ़ी को एक यहूदी के रूप में देखना चाहते हैं और उन्हें यहूदी परंपरा में ही ढालना चाहते हैं. आंकड़े भी बताते हैं कि अमेरिका में यहूदियों ने कैसे अपने बारे में राय को बदला है. 

सबसे पहले बात अमेरिका के मौजूदा दो बड़े नेताओं की

अमेरिका में मौजूदा समय में जो बाइडेन राष्ट्रपति हैं और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति हैं. बाइडेन के तीनों बच्चों ने यहूदियों से शादी की है. वहीं, उपराष्ट्रपति और मौजूदा डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी एक यहूदी से शादी की है. उनके पति Doug Emhoff यहूदी हैं. उनकी शादी भी यहूदी परंपरा से हुई थी. हालांकि, ये कोई अकेले उदाहरण नहीं है. ऐसे कई उदाहरण हैं. 

बाइडेन की बेटी ने भी यहूदी से की शादी

बाइडेन की बेटी Ashley Biden ने 2012 में Howard Krein नामक एक यहूदी शख्स से शादी की थी, जो पेशे से डॉक्टर हैं. बाइडेन ने अपनी बेटी के इस फैसले को सार्वजनिक तौर पर सराहा था, जब उन्होंने कहा था कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने एक यहूदी को चुना है. यही नहीं बाइडेन के बेटे Beau, जिनकी 2015 में कैंसर से मृत्यु हो गई थी, उन्होंने भी एक यहूदी से शादी की थी. बाइडेन के दूसरे बेटे हंटर की शादी भी एक यहूदी महिला से हुई है.

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ट्रंप का नाम भी इस लिस्ट में शामिल

बाइडेन ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हैं जिनके बच्चे का विवाह किसी यहूदी से हुआ है. पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी इसमें शामिल है. बता दें कि ट्रंप की बेटी इवांका ने 2009 में अपने यहूदी पति जेरेड कुशनर से शादी करने से पहले अपना धर्म परिवर्तन कराया था. दंपति अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण भी यहूदी परंपरा में कर रहे हैं. वे अपने बच्चों को Jewish day school भेजते हैं.

बिल क्लिंटन की बेटी ने भी यहूदी से की शादी

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हिलेरी रोडम क्लिंटन की इकलौती बेटी चेल्सी क्लिंटन ने अपने पिता के पद छोड़ने के एक दशक बाद 2010 में एक यहूदी मार्क मेजविंस्की से शादी की. दंपति के तीन बच्चे हैं.

ओबामा का भी यहूदियों से खास रिश्ता

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के परिवार का भले ही यहूदियों से कोई पारिवारिक रिश्ता न हो लेकिन जब वो राष्ट्रपति थे तब व्हाइट हाउस उनके कई सलाहकार और करीबी सहयोगी यहूदी थे. इसलिए ओबामा व्हाइट हाउस में यहूदी त्योहारों के जश्न में शरीक होते थे. रिसर्च के मुताबिक, इन बड़े नेताओं के अलावा अमेरिका के स्थानीय नेता, बिजनेसमैन और आम लोगों ने भी यहूदियों से शादी की है.

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एक आंकड़ा ये भी जान लीजिए

प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से 2013 में किए गए एक सर्वे में सामने आया कि अमेरिका में रहने वाले करीब 58 फीसदी यहूदी दूसरे धर्म में शादी करते हैं. लेकिन शादी के बाद वो यहूदी धर्म को छोड़ने के बजाय अपने बच्चों को यहूदी के रूप में पाल रहे हैं. इस रिसर्च के अनुसार, दूसरे धर्म में शादी करने वाले करीब 45% यहूदी अपने बच्चों का पालन-पोषण यहूदी धर्म में कर रहे हैं. ये इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि 1990 में ऐसा करने वालों की तादाद महज 28 फीसदी थी.

यहां गौर करने वाली एक और बात है. करीब 50 साल पहले तक कोई यहूदी अमेरिका में दूसरे धर्म में शादी करता था तो इसे सार्वजनिक मान्यता कम ही मिलती थी. लेकिन आज अंतरधार्मिक परिवार अमेरिकी यहूदी समुदाय का अभिन्न अंग हैं. कई सर्वे बताते हैं कि अमेरिका में यहूदियों के लिए नफरत भी समय के साथ घटी है. 1964 के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 43% अमेरिकियों ने यहूदियों को यीशु की मृत्यु के लिए जिम्मेदार ठहराया, जबकि 2004 में यह 26% था.

लेकिन इजरायल में अंतरधार्मिक विवाह को लेकर ऐसा नहीं है माहौल

यहूदी देश के रूप में अपनी स्थापना के बाद से ही इजरायल अपने यहूदी चरित्र को दुनिया भर में मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष करता रहा है. इजरायल में यहूदी धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म में शादी करना इतना आसान नहीं है. लेकिन हां अगर कोई शख्स यहूदी धर्म अपनाना चाहता है तो वह इसे आसानी से कर सकता है. 

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साल 2014 में नेतन्याहू के बेटे के गैर यहूदी लड़की से अफेयर की खबरें सामने आई थीं जिसके बाद खूब बवाल हुआ था. आलम ये था कि नेतन्याहू ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि वो सिर्फ एक दोस्त है.

लेकिन दूसरे धर्म में शादी की ये रूढ़िवादिता यहूदियों के लिए इजरायल की सीमा को पार करते ही खत्म हो जाती है. कई rabbi (यहूदी धर्मगुरु) सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि अंतर्विवाह के खिलाफ लड़ाई एक हारी हुई लड़ाई है. हमारी पहुंच बेहतर होनी चाहिए, हमारी संस्थाएं बेहतर होनी चाहिए, हमारे यहूदी अनुभव अधिक प्रभावशाली होने चाहिए. इसके लिए हमें गैर यहूदी लोगों से संपर्क बढ़ाना चाहिए. उनसे शादी करना चाहिए लेकिन अपने बच्चों को यहूदी परंपरा में बड़ा करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Iran की इस मिसाइल के आगे फेल हो जाता है इजरायल का Iron Dome

कैसे अमेरिका में यहूदियों की स्वीकार्यता बढ़ी

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के एक हिस्ट्री के प्रोफेसर Cheryl Greenberg ने कहा कि अमेरिका में यहूदियों को लगभग हमेशा श्वेत माना गया है. अलग-अलग समय पर यहूदी अमेरिका में आए. साल 2020 तक अमेरिकी यहूदी आबादी 7.5 मिलियन होने का अनुमान है, जो कुल अमेरिकी आबादी का 2.4% है. इन रिश्तों के अलावा यहूदी बड़े पैमाने पर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ही दलों को फंड करते हैं. राजनीति में भी उनका दखल है.

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इन रिश्तों को लेकर अमेरिका पर आरोप भी लगते हैं

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक दोनों ही इजरायल को खुलकर सपोर्ट करते हैं लेकिन अमेरिका के इस इजरायल प्रेम की आलोचना भी खूब होती है. मुस्लिम नेता अक्सर इस पर सवाल उठाते हैं. उनका कहना है कि पारिवारिक नजदीकियों और पार्टी फंड के कारण इजरायल पर अमेरिका पैसा बहा रहा है. इसका एक उदाहरण राशिदा तालेब हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने कई बार इजरायल को दी जाने वाली मदद रोकने की मांग उठाई है.

अमेरिका के सपोर्ट के और भी कारण हैं

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हेनरी ट्रुमैन दुनिया के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने सबसे पहले इजरायल को मान्यता दी थी. इजरायल को सपोर्ट करने का एक बड़ा कारण तेल भंडार पर कब्जा भी है. दरअसल, अरब देशों को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका को इजरायल जैसे एक साथी की जरूरत है. अमेरिका सबसे ज्यादा आर्थिक सहयोग इजरायल को देता है. यही नहीं इजरायल अमेरिका का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार भी है. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के बीच हर साल 50 अरब डॉलर का कारोबार होता है.

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