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म्यांमार और थाईलैंड के बाद टोंगा में जोरदार भूकंप, सुनामी की चेतावनी, समंदर में उठ सकती हैं खतरनाक लहरें

अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सोमवार तड़के मुख्य द्वीप से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) उत्तर-पूर्व में आया. प्रशांत महासागर सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर (185 मील) के अंदर स्थित तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं. हालांकि, भूकंप से नुकसान की कोई रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध नहीं थी.

A  strong 7.1 magnitude earthquake hit near Tonga. A strong 7.1 magnitude earthquake hit near Tonga.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:21 PM IST

म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही के बाद रविवार को टोंगा के पास भी जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है. हालांकि, भूकंप से अभी तक किसी प्रकार की हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है. साथ ही भूकंप के बाद प्रशांत द्वीपीय देश के लिए सुनामी की चेतावनी दी जारी की गई है.

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अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार सोमवार तड़के मुख्य द्वीप से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) उत्तर-पूर्व में आया. प्रशांत महासागर सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर (185 मील) के अंदर स्थित तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं. हालांकि, भूकंप से नुकसान की कोई रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध नहीं थी.

टोंगा, पोलिनेशिया में एक देश है जो 171 द्वीपों से बना है और इसकी आबादी 100,000 से थोड़ी ज्यादा है, जिनमें से ज्यादातर लोग टोंगाटापु के मुख्य द्वीप पर रहते हैं. यह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट से 3,500 किलोमीटर (2,000 मील) दूर है.

आपको बता दें कि म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई. भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के अनुसार, इस भूकंप से उतनी ऊर्जा निकली जितनी 334 परमाणु बमों के विस्फोट में होती है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस क्षेत्र में लंबे समय तक आफ्टरशॉक्स (भूकंप के झटके) आते रह सकते हैं.

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वहीं, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था और यह दोपहर के समय 10 किलोमीटर की गहराई में आया. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस आपदा में अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि यूएसजीएस का अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है.

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