
पिछले महीने अफ्रीकी देश सूडान में सैन्य तख्तापलट हुआ था और अब्दल्ला हमदोक को अपदस्थ कर सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी. यहां अब सूडान के सैन्य अधिकारियों और नेताओं के बीच प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक को पीएम पद पर बहाल करने की सहमति बन गई है. इससे नाराज विपक्ष सीक्रेड डील का आरोप लगाकर सड़क पर उतर गया है.
बीबीसी की खबर के अनुसार सेना और सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 25 अक्टूबर को सैन्य तख्तापलट के बाद जिन सरकारी अधिकारियों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें भी सेना और राजनीतिक दलों के बीच हुए समझौते के तहत रिहा किया जाएगा.
विरोध प्रदर्शनों में मरे थे 40 लोग
सैन्य तख्तापलट के बाद राजधानी खार्तूम की सड़कों पर, सुरक्षा बलों ने राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे जो सेना की राजनीति से पूरी तरह से वापसी की मांग कर रहे थे. 25 अक्टूबर से, जब सेना ने आपातकाल की स्थिति घोषित की और नागरिक नेतृत्व को भंग कर दिया, तख्तापलट के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 40 लोग मारे गए हैं.
'कीमती है हर सूडानी का खून'
अबदल्ला हमदोक ने कहा कि हिंसा को रोकने के लिए वह समझौते पर सहमत हुए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने उनके हवाले से कहा, "हर सूडानी का खून कीमती है, आइए हम रक्तपात को रोकें और युवाओं की ऊर्जा को निर्माण और विकास में लगाएं. अब्दुल्ला हमदोक चुनाव होने तक स्वतंत्र ‘टेक्नोक्रेटिक कैबिनेट’ के मुखिया होंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार के पास कितनी शक्ति होगी. यह अभी भी सैन्य निगरानी में रहेगा.
AU ने ब्लॉक की देश की सदस्यता
हमदोक ने अल जज़ीरा को बताया कि डील में उन्हें अपनी सरकार बनाने और जुलाई 2023 से पहले चुनाव कराने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है, यह राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी अनुमति देता है. लोकतंत्र में संक्रमण को बहाल करने के लिए सेना पर गहन अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव आ गया है. वहीं, विश्व बैंक ने सूडान को अपनी सहायता रोक दी, और अफ्रीकी संघ (एयू) ने ब्लॉक की देश की सदस्यता को निलंबित कर दिया.