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काठमांडू में सुषमा स्वराज ने अपने भूटानी समकक्ष से डोकलाम पर चर्चा की

सुषमा के साथ बैठक के बाद भूटानी विदेश मंत्री दोरजी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि डोकलाम में हालात को शांतिपूर्णक और आपसी सौहार्द से सुलझा लिया जाएगा.'

भूटान के विदेश मंत्री दोरजी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भूटान के विदेश मंत्री दोरजी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
राम कृष्ण
  • काठमांडू,
  • 11 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

डोकलाम पर भारत और चीन में जारी सीमा विवाद के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भूटानी समकक्ष दामचो दोरजी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कॉरपोरेशन) की मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर मुलाकात की. इस दरम्यान दोनों नेताओं ने भारत-भूटान-चीन सीमा पर जारी गतिरोध पर चर्चा की.

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सुषमा के साथ बैठक के बाद भूटानी विदेश मंत्री दोरजी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि डोकलाम में हालात को शांतिपूर्णक और आपसी सौहार्द से सुलझा लिया जाएगा.' डोकलाम विवाद पैदा होने के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह पहली बैठक है. यह बैठक उस समय सामने आई है, जब डोकलाम मसले को लेकर चीन अपनी मीडिया और विदेश मंत्रालय के जरिए लगातार भारत को धमकियां दे रहा है.

चीनी मीडिया लगातार धमकी दे रही है कि अगर भारत ने डोकलाम से अपनी सेना पीछे नहीं हटाई, तो उसको खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इससे पहले भूटान सरकार ने डोकलाम मामले पर भारत को सही ठहराते हुए चीन के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि सिक्किम सेक्टर पर स्थित डोकलाम उसका (चीन) हिस्सा नहीं है. मालूम हो कि चीन ने झूठा दावा किया था कि भूटान ने उसको राजनयिक चैनल के जरिए जानकारी दी कि डोकलाम चीन का हिस्सा है.

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भूटान के इस बयान से भारत के उस दावे को बल मिला, जिसमें कहा गया कि भूटान के क्षेत्र में चीन जबरन सड़क बना रहा है. 29 जून को भूटान विदेश मंत्रालय ने इस बाबत प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया था. इसमें कहा गया कि चीन भूटान के भूभाग पर सड़क बना रहा है, जो सीमा करार का खुला उल्लंघन है. इससे सीमा पर शांति एवं व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होगी.

 

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