
मिडिल ईस्ट में इजरायल की जंग के बीच अब सीरिया में जंग का दूसरा मोर्चा खुलता नजर आ रहा है. यहां अमेरिका समर्थित "आतंकवादी समूह" ने देश के दूसरे बड़े शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया है और रूस-ईरान समर्थित बशर अल-असद की सत्ता के खिलाफ मानो आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है. तीन दिनों पहले ही विद्रोही समूहों ने अपना विस्तार शुरू किया था, और इस आक्रामकता ने अब मिडिल ईस्ट में एक और बड़े जंग की संभावनाएं तेज कर दी है.
हयात तहरीर अल-शाम (HTS), ये वो समूह है जिसके लड़ाके बशर अल-असद को सत्ता से बाहर करना चाहते हैं, जो युद्धग्रस्त देश में साल 2000 से शासन कर रहे हैं. विद्रोही समूहों ने आधिकारिक तौर पर 50 से ज्यादा नगरों और गांवों पर नियंत्रण का दावा किया है. वे शहर के पश्चिमी जिलों में भी प्रवेश कर रहे हैं, जो कि असद सत्ता के कब्जे वाले क्षेत्र हैं.
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विद्रोही समूहों पर रूस का एयर स्ट्राइक
एचटीएस ने अलेप्पो शहर पर कब्जे को खोई हुई जमीन को वापस से हासिल करना बताया, और माना जा रहा है कि वे और भी ज्यादा आक्रामक हो रहे हैं. असद सत्ता को मिल रही इस चुनौती में सत्ता पक्ष को रूस और ईरान का समर्थन है. रूसी सेना ने एक बयान भी जारी किया, जिसमें बताया कि पिछले 24 घंटे की एयर स्ट्राइक में 300 विद्रोही लड़ाकों को मार गिराया गया है.
अलेप्पो शहर पर कब्जे का क्या मतलब?
सीरिया के दस 10 सालों के गृहयुद्ध में अलेप्पो शहर एक भयानक वॉर-जोन रहा है, और ऐसा पहली बार है जब विद्रोही समूह ने शहर को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है. 2012 में जब विद्रोहियों ने शहर के पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लिया था, तब से यह क्षेत्र चर्चा में रहा है. 2016 में, असद शासन ने शहर को वापस से हासिल कर लिया था, जब शहर पर हजारों की संख्या में बम बरसाए गए थे और बड़े पैमाने में खून-खराबे भी हुए थे. अब एक बार फिर यहां विद्रोही समूह का कब्जा हो गया है.
सत्ता हासिल करने पर एचटीएस का फोकस
एचटीएस को अल-कायदा की तर्ज पर शुरू किया गया था, लेकिन अब इसका मकसद सत्ता हासिल करना है. बताया जाता है कि इस समूह को अमेरिका और तुर्की का समर्थन है, जो कि सीरियन नेशनल आर्मी के साथ काम करती है, लेकिन अमेरिका और यूनाइटेड नेशन इसे एक "आतंकवादी समूह" मानता है. सीरियन नेशनल आर्मी सीरिया में विद्रोही समूहों का एक गठबंधन है, जिसमें एचटीएस भी शामिल है.
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असद को सत्ता से क्यों हटाना चाहते हैं विद्रोही?
विद्रोही समूहों का कहना है कि उनका उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमलों से सुरक्षित करना और क्षेत्रों को फिर से हासिल करना है. उनका आरोप है कि ईरानी समर्थन सहित असद की सेनाओं ने खुला युद्ध छेड़ा है. विद्रोही असद को एक तानाशाह मानते हैं, जिनपर अगस्त 2013 में देश के घोउटा इलाके में केमिकल वेपन्स के इस्तेमाल का आरोप है, जिसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है और अपराध माना जाता है, और उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं.
मसलन, सीरिया में विद्रोही समूह की आक्रामकता अगर तेज होती है और लड़ाके दक्षिण की तरफ बढ़ते हैं तो इससे यह स्पष्ट है कि रूस और अमेरिका के बीच यहां प्रॉक्सी वॉर शुरू हो सकता है, जहां अमेरिकी फंडेड विद्रोही समूह और रूस समर्थित असद सत्ता के बीच एक और भयानक आंतरिक जंग छिड़ सकती है.
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