
तालिबान एक ओर जहां अफगानिस्तान में कब्जा जमाने के बाद सरकार बनाने की कवायद में जुटी है तो उसकी कोशिश है कि दुनिया के अन्य देश उसकी सरकार को मान्यता दें, लेकिन उसके प्रयासों को आज तब बड़ा झटका लगा जब ताजिकिस्तान ने दो-टूक शब्दों में कहा कि वह अफगानिस्तान में उत्पीड़न (oppression) से बनी किसी भी सरकार को अपनी मान्यता नहीं देगा.
ताजिकिस्तान का कहना है कि वह तालिबान को अफगान सरकार के रूप में मान्यता नहीं देगा. ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन (Emmomali Rahmon) ने आज बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से कहा कि देश तालिबान को अफगानिस्तान की वैध सरकार के रूप में मान्यता नहीं देगा.
बैठक के बाद जारी बयान में, ताजिकिस्तान की राष्ट्रीय सूचना एजेंसी खोवर ने कहा, "ताजिकिस्तान ऐसी किसी भी अन्य सरकार को मान्यता नहीं देगा जो इस (अफगानिस्तान) देश में उत्पीड़न के माध्यम से बनी है, पूरे अफगान लोगों की स्थिति को ध्यान में रखे बिना और विशेष रूप से सभी अल्पसंख्यकों को ध्यान में रखे बिना बनी हो. बयान में इस बात पर भी जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की भावी सरकार में ताजिकों का एक योग्य स्थान है.
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इमरान खान के दौरे से पहले बयान
ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच बुधवार को हुई बैठक के बाद यह बयान जारी किया गया. खास बात यह है कि ताजिकिस्तान की ओर से यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दुशांबे के आधिकारिक दौरे से पहले आया है.
बयान में, ताजिकिस्तान की ओर से कहा गया, "साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि तालिबान देश में अन्य राजनीतिक ताकतों की व्यापक भागीदारी के साथ एक अंतरिम सरकार बनाने के अपने पिछले वादों को छोड़ रहा है और एक इस्लामी अमीरात (Islamic emirate) स्थापित करने की तैयारी कर रहा है.'
यह कहते हुए कि अफगानिस्तान में राज्य संरचना "जनमत संग्रह द्वारा निर्धारित" होनी चाहिए, दुशांबे ने कहा कि उसने हमेशा पड़ोसी देश में स्थिरता की बहाली का समर्थन किया है. ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच करीब 1,300 किलोमीटर की सीमा लगती है.
बयान में आगे कहा गया है कि ताजिकिस्तान अफगान लोगों, विशेष रूप से ताजिक, उज्बेक्स और अन्य राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों के सभी प्रकार की अराजकता और उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता है.