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तालिबान का 60% क्षेत्र पर कब्जा, US ने कहा- अफगान नेतृत्व तय करे, लड़ने की इच्छाशक्ति है या नहीं

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन पास्की ने वॉशिंगटन में कहा कि "अंतत: अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षा बलों के पास वापस लड़ने के लिए अस्त्र, शस्त्र, संख्याबल और प्रशिक्षण है. उनके पास वह है जो उन्हें चाहिए. अब उन्हें यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या उनके पास तालिबान से मुकाबला करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति है?

अफगानिस्तान के कुंदज प्रांत में तालिबानी आतंकी (फोटो-पीटीआई) अफगानिस्तान के कुंदज प्रांत में तालिबानी आतंकी (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • वाशिंगटन,
  • 12 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST
  • तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तालिबानी आतंकी
  • 'अफगान आर्मी के पास काबिलियत और हथियार है'
  • अफगान आर्मी को मदद करते रहेंगे: US

अफगानिस्तान की जमीन पर आतंकी संगठन तालिबान की बेरोक-टोक बढ़त और काबुल के पतन की खबरों के बीच व्हाइट हाउस से एक अहम बयान आया है. अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों का आकलन है कि लगभग 60 फीसदी अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि अब यह अफगान नेतृत्व को तय करना है कि क्या उनके पास लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है या नहीं?

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बाइडेन प्रशासन ने भरोसा जताया है कि अफगान की सेना जिसे अमेरिकी सैनिकों ने 20 सालों तक ट्रेनिंग दी है, उसके पास तालिबान को खदेड़ने की क्षमता और  इसके लिए जरूरी साजो सामान है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन पास्की ने वॉशिंगटन में कहा कि "अंतत:, अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षा बलों के पास वापस लड़ने के लिए अस्त्र, शस्त्र, संख्याबल और प्रशिक्षण है. उनके पास वह है जो उन्हें चाहिए. अब उन्हें यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या उनके पास तालिबान से मुकाबला करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति है? और क्या उनके पास तालिबान से लड़ने के लिए नेताओं में एकजुट होने की क्षमता है? 

तालिबान का दावा- अफगानिस्तानी सेना को दिए गए भारत के हेलीकॉप्टर को कब्जे में लिया 

जेन पास्की ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में खराब होते हालात पर नजर बनाए हुए है.  लेकिन यहां कोई विशेष परिणाम अपरिहार्य नहीं है.

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एयरस्ट्राइक करते रहेंगे

अफगानिस्तान को मदद का भरोसा देते हुए अमेरिकी अधिकारी बोलीं कि हम अफगान सेनाओं के सहयोग से एयरस्ट्राइक करते रहेंगे और जैसा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि इस नाजुक मौके पर अफगानिस्तान के नेताओं को एकजुट होना चाहिए और इस देश का भविष्य उनके कंधों पर है. 

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंगाटन के प्रेस सचिव जॉन किरबी ने पत्रकारों को कहा कि हम अफगानिस्तान की स्थिति से अवगत हैं अभी हमारी प्राथमिकता अफगानिस्तान की सेना को मदद देने की है. जहां और ऐसा संभव है हम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान सेना की लगातार मदद कर रहे हैं लेकिन हम प्लान और इसके नतीजे की जानकारी नहीं दे सकते हैं. 

अफगान सेना के पास क्षमता है योग्यता है

प्रेस सचिव जॉन किरबी ने कहा कि काबुल के पतन सहित कोई भी संभावित परिणाम अपरिहार्य नहीं है, जिसके बारे में हर कोई रिपोर्ट कर रहा है.  इसे ऐसे नहीं देखा जाना चाहिए. यह अफगानियों के उस राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व पर निर्भर करता है, जो वे इस हालात को बदलने के लिए जुटा सकते हैं. उनके पास क्षमता है, उनके पास योग्यता है, और अब वास्तव में इन चीजों का उपयोग करने का समय आ गया है.

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