
Al Qaeda Al Zawahiri Killing: अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में ड्रोन स्ट्राइक कर अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी को ढेर कर दिया है. ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद 71 साल का अल जवाहिरी ही अल कायदा की कमान संभाल रहा था. अल जवाहिरी के खात्मे के अमेरिकी ऐलान का एक तरफ सऊदी अरब ने स्वागत किया है तो वहीं इस हमले पर तालिबान भड़क गया है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अमेरिकी अटैक को अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया है. मुजाहिद ने कहा कि अमेरिका ने काबुल के एक घर पर ड्रोन से हमला किया. यह सीधे तौर पर उस अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन है, जो 2020 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ते समय किया गया था. हम इस हमले की निंदा करते हैं.
एक तरफ अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान अमेरिकी हमले पर भड़क रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सऊदी अरब ने अमेरिका के अल जवाहिरी की मौत का ऐलान करने का स्वागत किया है. सऊदी समाचार एजेंसी ने बताया कि विदेश मंत्रालय सऊदी ने अमेरिका के इस कदम को आतंकी मुहिम पर करारी चोट बताया है. जवाहिरी को आतंकियों के नेता के तौर पर जाना जाता था.
अमेरिका ने कैसे दिया हमले को अंजाम?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. अमेरिका ने उस घर पर हमला करने के लिए दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया. ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था.
तालिबान को नहीं थी हमले की जानकारी
अमेरिका का दावा है कि तालिबान के सीनियर लीडर्स को अल जवाहिरी की मौजूदगी के बारे में पता था. इतना ही नहीं तालिबान ने जवाहिरी की मौजूदगी छिपाने की कोशिश भी की. अमेरिकी स्ट्राइक के बाद उसकी बेटी और परिवार के सदस्यों को भी अलग-अलग जगहों पर भेजा गया. अमेरिका ने इसे दोहा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन बताया है. हालांकि, अमेरिका ने साफ कर दिया कि हमले में जवाहिरी के परिवार को निशाना नहीं बनाया गया है. अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी तालिबान को भी नहीं दी थी.
इजिप्ट के प्रतिष्ठित परिवार से है नाता?
जवाहिरी 11 साल से अल कायदा की कमान संभाल रहा था. वह कभी ओसामा बिन लादेन का पर्सनल फिजीशियन था. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जवाहिरी इजिप्ट के प्रतिष्ठित परिवार से आता है. उसके दादा रबिया अल-जवाहिरी काहिरा में अल-अजहर यूनिवर्सिटी में इमाम थे. उसके परदादा अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे. इतना ही नहीं जवाहिरी ने अमेरिका पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड की साजिश में मदद की थी. 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमलों के बाद जवाहिरी लगातार छिप रहा था. अफगानिस्तान के पहाड़ी तोरा बोरा क्षेत्र में वह अमेरिकी हमले में बच गया था. इसमें उसकी पत्नी और बच्चों की मौत हो गई थी.