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अफगानिस्तान में तालिबान का बड़ा एक्शन, IS खुरासान के मिलिट्री चीफ को किया ढेर

तालिबान सरकार का ये एक्शन ऐसे वक्त पर हुआ, जब हाल ही में यूएन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड खुरासान ने अफगानिस्तान में भारत-चीन और ईरान के दूतावास पर आतंकी हमले की धमकी दी है. यूएन का दावा है कि ISIL-K के पास 1000-3000 लड़ाके हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • काबुल,
  • 28 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

अफगानिस्तान के सत्ताधारी तालिबान ने इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) पर बड़ा एक्शन लिया है. तालिबान ने ISKP के मिनिस्टर ऑफ वॉर और मिलिट्री चीफ कारी फतेह को ढेर कर दिया. कारी फतेह को UNSC मॉनिटरिंग टीम ने मई 2022 में ISKP के सैन्य प्रमुख के तौर पर सूचीबद्ध किया था. 

तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि काबुल में सोमवार को हुए ऑपरेशन में कारी फतेह को मार गिराया गया. तालिबानी प्रवक्ता ने इसके साथ ही इस्लामिक स्टेट हिंद प्रांत (ISHP) के एजाज अहमद अहंगर के साथ दो अन्य सहयोगियों के मारे जाने की भी पुष्टि की है. 

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कारी फतेह ISKP के लिए रणनीति बनाता था. उसने हाल ही में काबुल में रूस, पाकिस्तान और चीन के दूतावासों पर भी हमले की साजिश रची थी. खुरासान डायरी में आने वाले दिनों में कारी फतेह को लेकर और जानकारी प्रकाशित की जाएगी. कारी तुफैल उर्फ ​​फतेह नांगरहार में ISKP के नियंत्रण के दौरान पूर्वी क्षेत्र का कमांडर था. हालांकि, हाल के दिनों में समूह ने अपनी रणनीति बदली थी और उसे खुफिया प्रमुख बनाया गया था. 

UN की रिपोर्ट के बाद एक्शन

तालिबान सरकार का ये एक्शन ऐसे वक्त पर हुआ, जब हाल ही में यूएन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड खुरासान ने अफगानिस्तान में भारत-चीन और ईरान के दूतावास पर आतंकी हमले की धमकी दी है. यूएन का दावा है कि ISIL-K के पास 1000-3000 लड़ाके हैं. इनमें से करीब 200 सेंट्रल एशिया में हैं. हालांकि, कुछ देशों का मानना है कि यह संख्या 6000 तक है.

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में ISIL द्वारा उत्पन्न खतरों का खुलासा किया गया था. इसमें बताया गया था कि ISIL आतंकी समूह ने अपनी गतिविधियों को और फैलाने की इच्छा को जारी रखा है. ISIL-K ने खुद को तालिबान के प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित किया और अब वह यह दिखाना चाहता है कि तालिबान अफगानिस्तान में सुरक्षा प्रदान करने में असफल है. ऐसे में राजनयिक मिशन को टारगेट करके आईएस तालिबान से अन्य देशों के रिश्तों को भी खत्म कराना चाहता है.

 

 

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