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मुल्ला बरादर का पत्ता कटा! मुल्ला हसन अखुंद को तालिबान सरकार की मिलेगी कमान

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अगली सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई है. पहले पिछले हफ्ते ही सरकार गठन का काम होना था, लेकिन किसी वजह से इसे टाल दिया गया. माना जा रहा है कि बुधवार को नई तालिबान सरकार का गठन हो जाएगा.

 काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (फाइल फोटो) काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • काबुल,
  • 07 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST
  • अफगानिस्तान के नए प्रमुख हो सकते हैं मुल्ला अखुंद
  • 20 साल तक हिबतुल्ला अखुंजादा के करीबी रहे

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अगली सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई है. पहले पिछले हफ्ते ही सरकार गठन का काम होना था, लेकिन किसी वजह से इसे टाल दिया गया. माना जा रहा है कि बुधवार को नई तालिबान सरकार का गठन हो जाएगा या फिर आने वाले कुछ और दिनों में यह होना तय है. मुल्ला हसन अखुंद को अफगानिस्तान का नया प्रमुख बनाया जा सकता है. ये नाम हैरान करता है, क्योंकि अब तक मुल्ला बरादर के नेतृत्व में ही सरकार बनाने की जानकारी सामने आ रही थी.

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'द न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, हिबतुल्ला अखुंजादा ने खुद मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को रईस-ए-जम्हूर, रईस-उल-वजारा या अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में प्रस्तावित किया है. तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने 'द न्यूज' को बताया कि मुल्ला बरादर अखुंद और मुल्ला अब्दुस सलाम उनके डिप्टी के रूप में काम करेंगे. कई तालिबानी नेताओं से बात करने के दौरान सभी ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के नाम पर सहमति बनाए जाने का दावा किया है.

कंधार से है मुल्ला हसन का ताल्लुक

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद वर्तमान में तालिबान के शक्तिशाली फैसले लेने वाली बॉडी रहबारी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं. वह तालिबान के जन्मस्थान कंधार से ताल्लुक रखते हैं और तालिबान के मूवमेंट के संस्थापकों में से एक थे. उसने 20 वर्षों तक रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में काम किया और तालिबान के नेतृत्व के बीच में खुद की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा बनाई. वह एक सैन्य पृष्ठभूमि के बजाय एक धार्मिक लीडर है और अपने चरित्र और भक्ति के लिए जाने जाते हैं. 

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एक तालिबानी नेता ने बताया मुल्ला हसन 20 साल तक हिबतुल्ला अखुंजादा के करीबी रहे. तालिबान के अनुसार, मुल्ला हसन ने अफगानिस्तान में उसकी पिछली सरकार के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था. जब मुल्ला मोहम्मद रब्बानी अखुंद प्रधान मंत्री थे तब वह विदेश मंत्री थे और फिर उप-प्रधान मंत्री बने. 

तालिबान सरकार में कौन क्या बन सकता है?

तालिबान ने यह भी कहा कि हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख तालिबान नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को संघीय आंतरिक मंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया है. उसे पूर्वी प्रांतों के लिए राज्यपालों को नामित करने के लिए भी अधिकृत किया गया है. ये इलाके पक्तिया, पक्तिका, खोस्त, गार्डेज, नंगरहार और कुनार हैं. इसी तरह तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब को अफगानिस्तान का नया रक्षा मंत्री बनाया गया है. मुल्ला याकूब अपने मदरसे में शेख हिबतुल्लाह अखुंजादा का छात्र था.

अखुंद के प्रवक्ता के रूप में शामिल होंगे जबीहुल्लाह

इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद को पहले नए सूचना मंत्री के रूप में नियुक्त करने का काम सौंपा गया था, लेकिन तालिबान के नेतृत्व ने अपना विचार बदल दिया और उन्हें मुल्ला हसन अखुंद के प्रवक्ता के रूप में शामिल करने का फैसला किया है. तालिबान सूत्रों के अनुसार, मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी को नए विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है. तालिबान के सूत्रों ने कहा कि कुछ जिम्मेदारियों को लेकर कुछ मामूली मुद्दे थे, जिसे हल कर लिया गया है.

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काबुल में चीनी राजदूत से मिले हनीफी

राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद से ही तालिबान को पाकिस्तान और चीन का खूब समर्थन मिल रहा है. जहां पूरी दुनिया वेट एंड वॉच की स्थिति में है, तो वहीं, चीन, पाकिस्तान ने आगे बढ़कर तालिबान के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया है. ऐसे में  तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उप-प्रमुख अब्दुल सलाम हनीफी ने सोमवार को काबुल में चीनी राजदूत से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कहा कि राजदूत ने चीन की निरंतर मानवीय सहायता का वादा किया.

 

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