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अफगानिस्तान: तालिबान के फरमान के बाद तीन NGO ने काम किया बंद, कहा- महिलाओं के बिना नहीं कर सकते वर्क

तालिबान ने अफगानिस्तान में काम कर रहे घरेलू और बाहरी एनजीओ को लेकर शनिवार को एक फरमान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि काम करने वाली सभी महिलाओं को सस्पेंड कर दें. तालिबान की ओर से आरोप लगाया गया कि महिलाएं इस्लामिक हेडस्कार्फ को सही ढंग से नहीं पहन रही थीं.

यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद एनजीओ से भी महिलाएं बाहर (फोटो- एपी) यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के बाद एनजीओ से भी महिलाएं बाहर (फोटो- एपी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ तालिबान के नए आदेश के बाद तीन प्रमुख इंटरनेशनल एनजीओ ने काम करना फिलहाल बंद कर दिया है. इन एनजीओ का कहना है कि अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों के बिना प्रभावित बच्चों, महिलाओं और पुरुषों तक नहीं पहुंच सकते हैं. 

तालिबान ने अफगानिस्तान में काम कर रहे घरेलू और बाहरी एनजीओ को लेकर शनिवार को एक फरमान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि काम करने वाली सभी महिलाओं को सस्पेंड कर दें. तालिबान की ओर से आरोप लगाया गया कि महिलाएं इस्लामिक हेडस्कार्फ को सही ढंग से नहीं पहन रही थीं. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, अफगानिस्तान में काम करने तीनों एनजीओ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बाल संरक्षण और पोषण सेवाएं प्रदान करते हैं और मानवीय परिस्थितियों में गिरावट के बीच उनकी सहायता करते हैं. 

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एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, अफगानिस्तान के लिए नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के प्रमुख नील टर्नर ने कहा, "हमने सभी सांस्कृतिक मानदंडों का पालन किया है और हम अपनी समर्पित महिला कर्मचारियों के बिना काम नहीं कर सकते हैं, जो हमारे लिए आवश्यक हैं कि हम उन महिलाओं तक पहुंच सकें जिन्हें सहायता की सख्त जरूरत है."  

अमेरिका ने तालिबान के नए आदेश की निंदा की

अमेरिका ने तालिबान के इस आदेश की निंदा करते हुए कहा कि ये प्रतिबंध लाखों लोगों को महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक सहायता को बुरी तरह से प्रभावित करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि महिलाएं दुनियाभर में मानवीय कार्यों के केंद्र में हैं. लेकिन तालिबान सरकार का ये फैसला अफगान लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है. इससे पहले तालिबान ने बीते दिनों महिलाओं के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया था, जिसमें महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी बंद करने की घोषणा की गई थीं. उच्च शिक्षा मंत्री के एक पत्र के अनुसार, तालिबान ने अफगानिस्तान में युवती और महिलाओं के लिए संचालित यूनिवर्सिटीज को बंद करने की घोषणा की है.  

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यूनिवर्सिटी में भी एंट्री बैन

तालिबान के नए आदेश के बाद देशभर में किसी भी युवती या महिला को यूनिवर्सिटी में एंट्री नहीं मिल सकेगी. तीन महीने पहले ही पूरे अफगानिस्तान में हजारों लड़कियों और महिलाओं ने विश्वविद्यालयों में आयोजित एडमिशन टेस्ट दिया था. इससे पहले तालिबान ने अफगान पर कब्जा करने के बाद महिलाओं और युवतियों की शिक्षा को लेकर फरमान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि पुरुषों के स्कूलों में महिला व युवती नहीं पढ़ सकेंगी. साथ ही इन्हें महिला टीचर ही पढ़ा सकेंगे.  

महिलाओं के खिलाफ कई कानून लागू 

गौरतलब है कि सरकार बनाने के बाद से ही तालिबान को दुनिया के कई देशों ने सरकार का दर्जा नहीं दिया. उसे आतंकी संगठन मानते हैं, जिसके चलते कई देशों ने अफगान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. तालिबान ने देश में इस्लामी कानून लागू कर रखा है और महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लागू किए हुए हैं. जिसमें पार्कों, जिमों में महिलाओं की एंट्री पर बैन, काम करने पर बैन आदि शामिल हैं. 

 

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