
तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता में आते ही बड़ा फैसला लिया है. उसने अफगानिस्तान में बंद 2300 खूंखार आतंकियों को रिहा कर दिया है. इसमें टीटीपी के डिप्टी चीफ फकीर मोहम्मद को भी जेल से बाहर कर दिया गया है. रिहा किए गए आतंकी तहरीक ए तालिबान, अल कायदा और आईएसआईएस के हैं. ये सब अफगानिस्तान की अलग-अलग जेलों में बंद थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें से कुछ कैदी पिछले हफ्ते काबुल पर कब्जे के बाद ही रिहा कर दिए गए थे. ये लोग कंधार, बगराम और काबुल की जेल में बंद थे. मौलवी फकीर मोहम्मद की बात करें तो वह टीटीपी का पूर्व डिप्टी चीफ है. उसका छूटना पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान के लिए भी चिंता की बात है.
अफगानिस्तान में मौजूद हैं लश्कर-ए-तैयबा के भी आतंकी
इस बीच एक जानकारी यह भी जाने आई है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झांगवी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं. वे काबुल आदि में तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को काबुल में प्रवेश के साथ ही एक तरह से पूरे अफगानिस्तान पर ही कब्जा कर लिया है. अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर भाग चुके हैं. यह भी खबरें थीं कि 72 वर्षीय राष्ट्रपति अशरफ गनी नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर काबुल से भागे थे. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में भगदड़ और डर का माहौल है. लोग किसी भी तरह अफगानिस्तान से निकलना चाहते हैं.
अफगानिस्तान पर 1996 से 2001 तक तालिबान का शासन था और 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद अमेरिका नीत सैन्य बलों ने देश से उसका शासन समाप्त कर दिया था.