काबुल से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं. तालिबान की ओर से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है. माना जा रहा है कि जल्द ही तालिबानी लीडरशिप काबुल में आ सकती है, उसी के बाद नई सरकार बनाने का सिलसिला शुरू होगा.
संगीतकार जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका किस तरह की महाशक्ति है कि वो तालिबान नाम के इन बर्बर लोगों को खत्म नहीं कर सका. यह कैसी दुनिया है जिसने अफगानी महिलाओं को इन कट्टरपंथियों की दया के वश में छोड़ दिया है. उन सभी पश्चिमी देशों पर शर्म आती है जो मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं.
UNSC की आपातकालीन बैठक में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है. अफगानिस्तान में पुरुष, महिलाएं और बच्चे डर के साए में जी रहे हैं. वे सभी लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है.
अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज रात करीब सवा एक बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
भारतीय सेना का विमान C-17 ग्लोबमास्टर काबुल से भारतीयों को लेकर लौट आया है. 46 नागरिकों को विमान के जरिए लाया गया है. अभी करीब 400 लोग वहां हैं, इन्हें भी एयरलिफ्ट किया जाएगा.
अफगानिस्तान को लेकर UNSC की आपात बैठक जारी है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तालिबान से संयम बरतने की अपील की है. साथ ही अन्य पक्ष से भी संयम बरतने की बात कही है. एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान फिर से एक बार आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित स्थान ना बन जाए.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है. यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं. हम इस पर पूरी नजर बनाए हैं. काबुल एयरपोर्ट से वाणिज्यिक संचालन आज निलंबित कर दिया गया है. हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. मंत्रालय की ओर कहा गया कि जो भी लोग अफगानिस्तान से भारत आना चाहते हैं, हम उन्हें लाएंगे. हम हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के संपर्क में हैं.
उज्बेकिस्तान में अफगानिस्तान सेना का विमान क्रैश हो गया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों ने गुलामी की बेड़ियां तोड़ी हैं. उन्होंने कहा जब आप किसी की संस्कृति को अपनाते हैं तो आप इसे श्रेष्ठ मानते हैं और आप इसके गुलाम बन जाते हैं. इमरान खान ने कहा कि एक मानसिक गुलाम बनना, एक वास्तविक गुलाम होने से भी बदतर था.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीय को लाने वायुसेना सेना का विमान काबुल पहुंच चुका है. भारत के करीब 500 अधिकारी और संबंधित सुरक्षा कर्मचारी वहां फंसे हुए हैं. C-17 ग्लोबमास्टर विमान अफरा-तफरी के कारण सुबह ताजिकिस्तान में उतरना पड़ा था. अमेरिकी बलों द्वारा वहां भीड़ को नियंत्रित करने के बाद विमान अब काबुल में उतर पाया है.
चंडीगढ़ में रहने वाले अफगानी छात्रों ने अपने मुल्क के हालत पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि देश की स्थिति बेहद चिंताजनक है.
सूत्रों का कहना है कि काबुल से अब तक 18 यात्री उड़ानें ताजिकिस्तान में उतरीं हैं, जबकि 28 रविवार शाम को उज्बेकिस्तान के टर्मेज शहर में उतरीं. यात्रियों में अधिकतर एयरपोर्ट के स्टाफ थे. इन यात्रियों का ताजिकिस्तान में अफगान राजदूत जहीर अघबर ने स्वागत किया. हालांकि आज जो काबुल एयरपोर्ट पर स्थिति दिखी, वो बेहद ही भयानक है.
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी ने कहा कि खिलाड़ी और उनके परिवार सुरक्षित हैं. जहां तक क्रिकेट की बात है तो कोई विवाद नहीं है. हमारी टीम टी-20 वर्ल्ड कप और खिलाड़ी आईपीएल खेलेंगे. हम पाकिस्तान के साथ भी सीरीज की तैयारी कर रहे हैं. हमें उनके साथ वनडे खेलना है. उन्होंने कहा कि अभी तक हमने आधिकारिक तौर पर बीसीसीआई से संपर्क नहीं किया है. हमारे बीसीसीआई के साथ अच्छे संबंध हैं. क्रिकेट जेंटलमैन गेम है, हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
तालिबान लड़ाके काबुल में टोलो न्यूज के कैंपस में प्रवेश कर चुके हैं. उन्होंने सुरक्षा कर्मचारियों के हथियारों की जांच की. साथ ही सरकार द्वारा जारी किए गए हथियार जब्त कर लिए हैं. उन्होंने यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है.
दोहरे चरित्र वाले चीन ने तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध की बात कही है. उसने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद नहीं किया है. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन को उम्मीद है कि तालिबान बातचीत के जरिए एक खुली और समावेशी इस्लामी सरकार स्थापित करेगा. साथ ही अफगान नागरिकों और फॉरेन मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करेगा.
गोलियों की गूंज, जान बचाने के लिए भागते लोग, काबुल एयरपोर्ट पर ऐसे हैं भयावह हालात
समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या पांच हो गई है. रॉयटर्स ने एक चश्मदीद का हवाला देते हुए ये दावा किया है. चश्मदीद का दावा है कि उसने खून से सने पांच शवों को गाड़ी में ले जाते हुए देखा.
ताजिकिस्तान ने नहीं उतरने दिया अशरफ गनी का विमान, अब ओमान से अमेरिका जाने की तैयारी
काबुल-दिल्ली के बीच की सभी उड़ानें रद्द, अधर में भारतीयों की वापसी
अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह हुई गोलाबारी में तीन लोगों की मौत हो गई है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का दावा है कि एयरपोर्ट पर अभी भी फायरिंग हो रही है. एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग के पास मारे गए लोगों की लाश पड़ी है. एयरपोर्ट पर अधिक भीड़ होने के बाद ही यहां पर विमानों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत की कोशिशें तेज़ हैं. लेकिन इस बीच बुरी खबर ये है कि काबुल और दिल्ली के बीच की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. बता दें कि भारत की ओर से एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को रिजर्व किया गया था, ताकि भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला जा सके.
सोमवार को नई दिल्ली में कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई में एक अहम बैठक भी हो रही है. इसमें विदेश मंत्रालय, सिविल एविएशन मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद हैं. अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए मंथन हो सकता है.
अफगानिस्तान के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट को सस्पेंड कर दिया गया है. लोगों से एयरपोर्ट पर भीड़ ना लगाने की अपील की जा रही है. ये तब हुआ है जब सोमवार सुबह से ही एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी और लोग किसी भी तरह फ्लाइट पकड़ना चाह रहे थे.
काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना द्वारा भी हवाई फायरिंग की गई है, यहां इकट्ठी रही भीड़ को काबू में करने के लिए अमेरिकी सेना ने ऐसा किया है. बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर करीब 6 हजार से ज्यादा अमेरिकी जवान मौजूद हैं, जिनका मकसद अमेरिकी लोगों को बाहर निकालना है.
भारत भी अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटा है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एअर इंडिया से दो विमान रिजर्व पर रखने को कहा है, ताकि काबुल से लोगों को निकाला जा सके.
काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब कमर्शियल फ्लाइट्स की उड़ान रोक दी गई है, यहां पर फायरिंग हो रही है. बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ने की कोशिश में हैं, लेकिन हवाई जहाजों की उड़ान रुकने से अब वह अधर में फंस गए हैं.
तालिबानी लड़ाकों ने पिछले कुछ दिनों में देखते ही देखते पूरे मुल्क के ज्यादातर हिस्से पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था. लेकिन रविवार को ये काबुल में घुसे और राष्ट्रपति पैलेस पर भी अपना अधिकार ले लिया. यानी अब अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान का राज़ है, बस औपचारिक ऐलान और तालिबानी सरकार बनना बाकी है.
सोमवार सुबह तक अफगानिस्तान के ताज़ा हालात क्या हैं, एक नज़र डालिए...
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रविवार की सुबह तालिबान के लोगों ने अचानक काबुल पर घेरा डाला और अफगान सरकार और सेना बिना मुकाबला किए सरेंडर करती दिखी. इस बीच, अमेरिकी डिप्लोमैट्स को आननफानन में काबुल से ले जाते हेलिकॉप्टर की तस्वीर भी पूरी दुनिया ने देखी. क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
अफगान दूतावास के ट्विटर से भी छेड़छाड़ की बात सामने आई है. दूतावास के सूत्रों ने कहा है कि ट्विटर अकाउंट पर कुछ असामान्य गतिविधियां देखी गई थीं. कुछ ताजा ट्वीट्स थे जिन्हें डिलीट भी किया गया.
अमेरिका के गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि 60 से ज्यादा देशों की तरफ से साझा बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि अफगान और दूसरे अंतरराष्ट्रीय नागरिक जो निकलना चाहते हैं उनको अफगानिस्तान से निकलने दिया जाए. एयरपोर्ट और बॉर्डर को भी खुले रखने की अपील की गई है.
बता दें कि तालिबानी आतंकी रविवार को काबुल में घुसने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गए. इससे पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. गनी ने कहा है कि रक्तपात ना हो, इसके लिए उन्होंने देश छोड़ा.
अमेरिका की तरफ से जानकारी दी गई है कि उनकी सेना काबुल एयरपोर्ट की परिधि की सुरक्षा देख रही है. बता दें अभी एयरपोर्ट के जरिए लोगों का काबुल से निकलना जारी है. एयरपोर्ट पर भारी भीड़ की तस्वीरें कल रविवार से सामने आ रही हैं.
अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर बताया है कि वह अभी अफगानिस्तान में ही हैं. उन्होंने लिखा, 'मैं अफगानिस्तान में हूं. अपनी मिट्टी में, अपने लोगों के साथ.' उन्होंने आगे पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अफगानिस्तान को बढ़ावा दे रहा है. अमरुल्ला सालेह ने इससे पहले यह भी कहा था कि वह तालिबान के सामने झुकेंगे नहीं.
अमेरिका के विदेश और रक्षा विभाग की तरफ से संयुक्त तौर पर बयान जारी किया गया है बयान में कहा गया है कि फिलहाल हम पहले हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुरक्षित करने के लिए कदम उठा रहे हैं ताकि यहां से नागरिक और सैन्य उड़ानों के माध्यम से अमेरिका और संबद्ध कर्मियों के सुरक्षित निकाला जा सके. हम अगले 48 घंटे में अफगानिस्तान के सैनिकों की मौजूदगी 6 हजार तक बढ़ा देंगे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल हमारे हाथ में होगा. आने वाले दिनों में हम हजारों अमेरिकी नागरिकों को जो अफगानिस्तान में बसे हैं या फिर नौकरी कर रहे हैं उन्हें यहां से ले जाएंगे. हमने लोगों के यहां से सुरक्षित स्थान पहुंचाने के काम में तेजी लाई है. जिन अफगानियों ने सिक्योरिटी स्क्रीनिंग क्लियर कर ली है, उन्हें सीधा अमेरिका भेजा जाएगा.
राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारी अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से कब्जे की गति को लेकर हैरान हैं. तालिबान ने अफगानिस्तान पर लगभग पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है. अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी पहले से तय थी लेकिन अब यह मिशन बन गया है ताकि उन्हें जल्द से जल्द अफगानिस्तान से सुरक्षित अमेरिका बुलाया जा सके. अफगानिस्तान सरकार के तेजी से पतन और हिंसा की आशंका अब बतौर कमांडर इन चीफ बाइडेन के लिए गंभीर परीक्षा बन चुकी है. अफगानिस्तान संकट के बाद वह विपक्ष के निशाने पर हैं और रिपब्लिकन्स उन्हें फेल करार दे रहे हैं.
अफगानिस्तान संकट को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि काबुल का तालिबान के हाथ में जाना, अमेरिका के इतिहास में बड़ी हार के तौर पर दर्ज होगी. ट्रंप ने काबुल में राष्ट्रपति पैलेस पर तालिबान के कब्जे और अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने की खबर के बाद यह बात कही.
तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों को तालिबान शासन के तहत 20 साल पहले की तरह लौटने की चेतावनी दी है. तालिबान की तरफ से कहा गया है कि एक नई शुरुआत करें, रिश्वत, घोटाला, अहंकार, भ्रष्टाचार, आलस्य और उदासीनता से सावधान रहें. कर्मचारियों से कहा गया है कि वो पहले जैसे हो जाएं जैसे वो 20 साल पहले तालिबान के शासन में थे.
टोलो न्यूज के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि लूटपाट और आराजकता रोकने के लिए वो काबुल के कुछ हिस्सों में घुसेंगे और सुरक्षाबलों द्वारा खाली की गई चौकियों पर कब्जा जमाएंगे. उन्होंने लोगों से कहा कि काबुल में उनके प्रवेश पर लोगों के डरने की जरूरत नहीं है.
तालिबान के कमांडरों ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पैलेस पर कब्जा जमा लिया है. अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया के मुताबिक तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला बरदार ने कहा कि उन्हें कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वे इस तरह से वापसी करेंगे. तालिबानी नेता ने कहा कि अब उन लोगों का परीक्षण इस बात पर होगा कि वो कैसे अफगानिस्तान के लोगों के हितों की सुरक्षा करते हैं.
तालिबान के नंबर-2 नेता मुल्ला बरादर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता हस्तांतरण के लिए बातचीत करने पहुंचे थे. इससे पहले तालिबान की ओर से कहा गया कि वो शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के जरिए हल चाहते हैं. देश की जनता को डरने की जरूरत है.100 से अधिक दिनों से जारी संघर्ष के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया है.
UNSC नार्वे और एसटोनिया की अपील के बाद आज सुबह दस बजे अफगानिस्तान के हालात को लेकर आपात बैठक करेगा. काउंसिल के डिप्लोमैट्स ने बताया कि यूएन सेक्रेटरी जनरल परिषद के सदस्यों को अफगानिस्तान के ताजा हालात के बारे में जानकारी देंगे. शुक्रवार को यूएन चीफ ने तालिबान से अपने आक्रामक रवैये को छोड़ने की अपील की थी और बातचीत करने के लिए कहा था ताकि लंबे गृह युद्ध को टाला जा सके. उन्होंने कहा कि था कि तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में महिलाओं और पत्रकारों को लेकर तालिबान के रवैये से वह चिंतित और दुखी हैं.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक अफगानिस्तान से हमारे लोगों को वापस लाने के लिए काबुल पहुंच चुके हैं. दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को कैबिनेट की आपात बैठक की थी. इसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान में ब्रिटेन के नागरिकों और ब्रिटेन की सेना की मदद करने वाले अफगानियों को यहां से सुरक्षित निकाला जाए. स्काई न्यूज को उन्होंने बताया कि राजनयिक एयरपोर्ट पर मौजूद हैं और लोगों के अफगानिस्तान छोड़ने के लिए किए जा रहे आवेदन में मदद कर रहे हैं.
तालिबानी प्रवक्ता Zabihullah Mujahid ने कहा है कि महिलाएं पढ़ाई कर सकती हैं. लेकिन उन्हें इस्लाम के शरिया कानून का सख्ती से पालन करना होगा. वहीं हिजाब पहनने पर भी जोर दिया गया है. इससे पहले भी तालिबान ने यही बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि महिलाओं को पढ़ने की इजाजत दी जा सकती है, लेकिन हिजाब पहनना जरूरी रहेगा.
अफगानिस्तान में तालिबान युग की वापसी हो गई है. अफगान सरकार ने तालिबान के आगे घुटने टेक दिए हैं. टोलो न्यूज के मुताबिक, सत्ता हस्तांतरण के बाद देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ दिया है. वो ओमान में अमेरिकी एयरबेस पर पहुंचे हैं. जल्द ही वह अमेरिका जा सकते हैं. अशरफ गनी ने अफगानिस्तान के लोगों को संदेश दिया कि वह लोगों की हत्या और खून खराबे से बचने के लिए देश छोड़कर गए हैं.