Advertisement

सरकार बनने से पहले तालिबान के आत्मघाती दस्ते का शक्ति प्रदर्शन, लड़ाकों की परेड का वीडियो जारी किया

तालिबान समर्थित अल-हिजरत मीडिया ने अपने लड़ाकों का एक वीडियो जारी करके अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है. यह वीडियो तालिबान की 'विक्टोरियस फोर्स' वीडियो श्रृंखला का नया संस्करण है.

लड़ाकों ने जारी किया वीडियो लड़ाकों ने जारी किया वीडियो
अनिल कुमार
  • काबुल,
  • 02 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
  • वीडियो जारी कर ताकत दिखाने की कोशिश
  • तालिबान ने कैसे हासिल की विजय, वीडियो में दिखाया
  • तकरीबन 40 मिनटों का है यह वीडियो

तालिबान समर्थित अल-हिजरत मीडिया ने अपने लड़ाकों का एक वीडियो जारी करके अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है. यह वीडियो तालिबान की 'विक्टोरियस फोर्स' वीडियो श्रृंखला का नया संस्करण है. इसमें तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपने कब्जे को देश की आजादी साबित करने की कोशिश की है. इसमें अमेरिका को अहंकारी शक्ति बताते हुए तालिबान लड़ाकों का बखान किया गया है.

Advertisement

इस वीडियो को एक डॉक्यूमेंट्री के तौर पर जारी किया गया है. यह वीडियो एक अज्ञात पहाड़ी इलाके में बनाया गया है, जिसमें अमेरिका और अशरफ गनी सरकार को पराजित करने वाले लड़ाकों की सैन्य परेड और विभिन्न सैन्य प्रदर्शन हैं. तालिबान ने इस समारोह को विजय उत्सव के तौर पर पेश किया है.

इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे तालिबान ने 20 साल के संघर्ष के बाद सत्तारूढ़ अफगान सरकार और अमेरिका पर विजय प्राप्त की.  इसे सोशल मीडिया और अफ़ग़ानिस्तान के नेशनल टेलीविजन पर प्रसारित किया गया.

लगभग 40 मिनट के इस डॉक्यूमेंट्री वीडियो की शुरुआत में दिखाया गया है कि कैसे 9/11 हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने बिना विचार किए अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया. इसके बाद वीडियो में तालिबान का समारोह शुरू होता है जिसमें तालिबान के सैन्य आयोग का प्रतिनिधिमंडल मिलिट्री मैदान पर पहुंचता है और फिर उन्हें गॉर्ड ऑफ़ हॉनर दिया जाता है. इसके बाद तालिबान सैन्य आयोग के प्रमुख मौलवी मोहम्म्द याकूब मुजाहिद मंच से सभी लड़ाकों को संबोधित करते हैं. मंच पर सभी तालिबानी नेता, सैन्य अधिकारी और परेड में शामिल सभी लड़ाके नक़ाब लगाए रहते हैं.

Advertisement

वीडियो में देखा जा सकता है कि अज्ञात इलाके में हुए इस सामारोह में अलग अलग ग्रुप्स के तालिबानी लड़ाके मंच पर बैठे नेताओं के सामने से गुजरते हैं और उन्हें सलामी देते हैं. इनके बारे में बताया जाता है कि ये किसी भी हालात और किसी भी सैन्य ओप्रेशन से निपटने में माहिर हैं. इस ग्रुप में वेस्ट कोट वाले स्क्वाड्रन (आत्मघाती दस्ता), तोपखाने और भारी कार बम को साधने वाले दस्ते, घुसपैठ ऑपरेशन को साधने वाले दस्ते, पैदल सेना दस्ता, लेजर साधक दस्ते, शहरी कमांडो ऑपरेशंस को साधने वाला दस्ता एवं विशेष ऑप्रेशन को साधने वाले दस्ते हैं, जिनके बारे में बताया गया है कि कौन दस्ता किस में माहिर है.

वीडियो में उसके बाद परेड में गाड़ियों के ऊपर अत्याधुनिक स्वचालित रायफल, अलग अलग तरह के रॉकेट लांचर, गाड़ियों को धमाके से उड़ाने वाले पीले बॉम्ब का जखीरा, जिनका इस्तेमाल आक्रमणकारियों के खिलाफ किया गया था उसे भी प्रदर्शित किया गया है. वीडियो में प्रशिक्षित तालिबानी लड़ाके अलग अलग रंग की वर्दी में हैं. साथ ही सभी ख़तरनाक हथियारों से लैस भी हैं.

सरकार बनने से पहले तालिबान का शक्ति प्रदर्शन

तालिबान ने शुरुआत में इस वीडियो में अमेरिका को आतंकवादी तक बता डाला लेकिन वीडियो में तालिबान के तीसरे सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा के हवाले से कहा गया कि "देश से सभी विदेशी ताकतों की वापसी के बाद, हम आपसी बातचीत और प्रतिबद्धता के ढांचे के भीतर, अमेरिका सहित बाकी दुनिया के साथ अच्छे और मजबूत राजनयिक आर्थिक और राजनीतिक संबंध चाहते हैं, जो सभी पक्षों के लिए बेहतर है."

Advertisement

अभी बीते 30 अगस्त को तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिदी ने भी ट्वीट कर इस वीडियो के बारे में जानकारी दी थी कि "अल-हिजरत इस्लामिक ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने अपने सम्मानित प्रशंसकों के लिए खुशखबरी की घोषणा की कि "विक्टोरियस फोर्स" सीरीज़ का तीसरा अंक (सैन्य परेड और विभिन्न सैन्य रणनीति और प्रदर्शनों के लिए समर्पित) जल्द ही जारी किया जाएगा."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement