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इजरायल के साथ क्या करेगा तालिबान, खुलकर बताया

अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने दुनिया के लगभग सभी देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इजरायल को छोड़कर वे बाकी सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करने के इच्छुक हैं.

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST
  • इजरायल के साथ रिश्ते नहीं रखेगा तालिबान
  • अमेरिका की तरफ भी बढ़ाया दोस्ती का हाथ

अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने दुनिया के लगभग सभी देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इजरायल को छोड़कर अफगानिस्तान बाकी सभी देशों के साथ रिश्ते कायम करने का इच्छुक है.

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज से कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ भी मिलकर काम करने के लिए तैयार है. सुहैल शाहीन ने कहा, नए अध्याय में अगर अमेरिका हमारे साथ रिश्ता रखना चाहता है तो हम इसका स्वागत करेंगे. ये दोनों ही देशों के हित में होगा. लेकिन इजरायल को लेकर सवाल पर तालिबान के प्रवक्ता सुहैल ने कहा, "हम इजरायल के साथ किसी भी रूप में संबंध नहीं रखेंगे. हम सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन इजरायल का नाम इसमें शामिल नहीं है."

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तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता में लाने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है. पाकिस्तान ने भी आज तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है. ऐसे में तालिबान से ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि इजरायल के साथ वो संबंध रखेगा.

तालिबान ने सत्ता में आने के बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान को बदलकर इस्लामिक अमीरात कर दिया है. तालिबान कह रहा है कि वो शरिया के तहत देश चलाएगा. ज्यादातर इस्लामिक देशों के इजरायल से राजनयिक संबंध नहीं हैं. ऐसे में तालिबान भी कोई चौंकाने वाला फैसला नहीं लेने जा रहा. 

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पिछले महीने इजरायल के सरकारी प्रसारक से बातचीत करके सभी को चौंका दिया था. हालांकि, बाद में सुहैल ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अनजाने में इजरायली मीडिया से बात की. शाहीन ने कहा कि उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वह इजरायल की समाचार एजेंसी है. 

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शाहीन ने जब इंटरव्यू दिया तो इजरायली ब्रॉडकास्टर ने अपने नेटवर्क का नाम बताया था. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि वह या उनका चैनल इजरायली है. जैसे ही ये इंटरव्यू प्रसारित हुआ, सोशल मीडिया पर लोग हैरानी जताने लगे. कुछ घंटे बाद ही शाहीन ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वह किससे बात कर रहे थे.

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, मैं कई पत्रकारों के साथ इंटरव्यू करता रहता हूं. कुछ पत्रकार अपनी असलियत छिपा ले जाते हैं. हालांकि, मैंने किसी भी ऐसे शख्स को कभी इंटरव्यू नहीं दिया जिसने खुद का परिचय इजरायली मीडिया के रूप में दिया हो.

ज्यादातर मुस्लिम देशों की तरह, अफगानिस्तान की सरकार ने भी इजरायल की सरकार को मान्यता नहीं दी थी. हालांकि, पिछले साल यूएई, बहरीन और मोरक्को ने इजरायल के साथ रिश्ते कायम किए थे. जब 1996-2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार थी तो सिर्फ सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने उसे मान्यता दी थी. 

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