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अफगानिस्तान: जलालाबाद पर भी तालिबान का कब्जा, राजधानी काबुल का पूर्वी इलाके से संपर्क टूटा

तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है.

गजनी शहर में मौजूद तालिबानी आतंकी (फोटो - AP) गजनी शहर में मौजूद तालिबानी आतंकी (फोटो - AP)
aajtak.in
  • काबुल,
  • 15 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST
  • तालिबान ने जलालाबाद पर भी कब्जा किया
  • अफगानिस्तान की सरकार पर गंभीर खतरा

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, तालिबान के आतंकियों ने अब जलालाबाद पर भी कब्जा कर लिया है. इससे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गई है.

तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है. प्रांत के सांसद अबरारुल्ला मुराद ने भी मीडियो को बताया है कि चरमपंथियों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है.

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मिली जानकारी के मुताबिक, जलालाबाद में किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं हुआ, क्योंकि गवर्नर ने खुद ही तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया. कहा गया कि ऐसा बेकसूर अफगानियों की जान बचाने के लिए किया गया.

तालिबान इस वक्त अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुका है, जिसके बाद अफगानिस्तान की सरकार पर दबाव बढ़ गया है. उधर अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है.

बता दें कि जलालाबाद कई मायनों में कश्मीर सा लगता है. वहां की खूबसूरती देखते ही बनती है. साथ ही साथ वहां के लोगों में भारत के लिए खास प्यार है. पिछले महीने तक वहां के लोगों में तालिबान को लेकर कोई डर नहीं था. लेकिन देखते ही देखते अब वहां भी तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है.

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सैनिकों को वापस बुला रहा अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की व्यवस्थित एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए युद्धग्रस्त देश में 5,000 बलों की तैनाती का आदेश दिया है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के 1,000 कर्मी पहले से अफगानिस्तान में हैं और पिछले सप्ताह 3,000 और कर्मियों को भेजे जाने का आदेश दिया गया. राष्ट्रपति ने शनिवार को 1,000 और कर्मियों की तैनाती का आदेश दिया, यानी अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की संख्या 5,000 हो गई है.

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