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'भारत के साथ अफगानिस्तान की होगी नई शुरुआत, रुके प्रोजेक्ट्स पर फिर से होगा काम,' बोली तालिबान सरकार

अफगानिस्तान में तालिबानियों ने पिछले साल अगस्त में सत्ता पर कब्जा कर लिया था. भारत ने अभी तक इस नई सरकार को मान्यता नहीं दी है. हालांकि इस बीच तालिबान सरकार ने बताया है कि वह अपने देश में रुकी 20 परियोजनाओं को भारत के साथ फिर से शुरू करने जा रहे हैं.

शहरी विकास और आवास मंत्रालय ने दी जानकारी (फाइल फोटो) शहरी विकास और आवास मंत्रालय ने दी जानकारी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा कि भारत उनके देश के कई प्रांतों में कम से कम 20 रुकी हुई परियोजनाओं पर फिर से काम शुरू करेगा. जून में भारत ने काबुल में अपने दूतावास में एक "तकनीकी टीम" तैनात करके काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति फिर से स्थापित की है. अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद भारत ने दूतावास से अपने अफसरों को वापस बुला लिया था. अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस साल अगस्त में कहा कि देश में भारत की राजनयिक उपस्थिति नई दिल्ली द्वारा शुरू की गई अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा और नई शुरुआत की जाएगी.

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समाचार पोर्टल ‘टोलो न्यूज’ के अनुसार, अफगानिस्तान के शहरी विकास और आवास मंत्रालय (एमयूडीएच) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय प्रभारी भरत कुमार ने संबंधों में सुधार और देश में रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू करने में रुचि जाहिर की है. कुमार ने शहरी विकास एवं आवास मंत्री हमदुल्ला नोमानी के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. एमयूडीएच के अनुसार, उम्मीद है कि भारत देश के कई प्रांतों में कम से कम 20 परियोजनाओं पर काम फिर से शुरू करेगा.

टोलो न्यूज ने एमयूडीएच के एक प्रवक्ता मोहम्मद कमाल अफगान के हवाले से बताया, "पूर्व सरकार के दौरान जिन परियोजनाओं को वे लागू कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक परिवर्तन या अन्य मुद्दों के कारण देरी हो रही थी, वे अब इन परियोजनाओं को फिर से शुरू करने में रुचि रखते हैं."

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अफगानिस्तान में बढ़ेगा रोजगार, दूर होगी गरीबी

रिपोर्ट में एक अर्थशास्त्री दरिया खान बहीर के हवाले से कहा गया, "इन परियोजनाओं के फिर से शुरू होने से लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे, इससे लोगों की आय बढ़ेगी और अफगानिस्तान को राजनीतिक अलगाव से बाहर निकाला जा सकता है.

एक अन्य अर्थशास्त्री नजकामिर जिरमल ने कहा, "इन परियोजनाओं के फिर से शुरू होने से गरीबी और बेरोजगारी के स्तर में कमी आएगी."

भारत में तालिबान सरकार को नहीं दी है मान्यता

भारत ने अफगानिस्तान में नए शासन को मान्यता नहीं दी है. वह काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जोर दे रहा है.

इसके अलावा वह इस बात पर जोर दे रहा है कि किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान भूमि का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.

भारत की अफगानिस्तान को मदद भेजने की अपील

इसके अलावा भारत देश में सामने आ रहे मानवीय संकट को दूर करने के लिए अफगानिस्तान को अबाध मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है. वह पहले ही लोगों की मदद के तौर पर 20,000 मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवाएं, 500,000 कोविड वैक्सीन की खुराक और सर्दियों के कपड़े शामिल हैं. इसके अलावा, भारत ने अफगानिस्तान को चिकित्सा सहायता और अनाज भी भेजा है.

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