
Taliban Regime In Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं को उठाना पड़ा है. महिलाओं पर तमाम प्रतिबंध लगाने के बाद तालिबान ने उनके खिलाफ एक और फैसला लिया है. तालिबान ने अब अफगानिस्तान की महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है. तालिबानी राज आने से पहले काबुल सहित अफगानिस्तान के कई बड़े शहरों में महिलाएं गाड़ी चलाती नजर आती थीं, लेकिन तालिबानी राज में इस पर पूरी तरह रोक लग गई है.
तालिबान का नया फरमान ऐसे समय आया है, जब पूरा देश बड़ी मानवीय त्रासदी का सामना कर रहा है. अफगानिस्तान में इस समय अनाज और दूसरे जरूरी सामान की भी किल्लत है. बता दें कि पिछले साल अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार को उखाड़ फेंका था और इसके बाद अपनी सरकार बना ली.
लड़कियों की पढ़ाई पर भी लगाई रोक
तालिबानी शासन कायम होने के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को बुरी तरह से कुचला गया. महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई. कुछ समय पहले ही तालिबान ने 6वीं क्लास के बाद लड़कियों के पढ़ाई करने पर रोक लगा दी थी. तालिबान के इस फैसले का पूरी दुनिया में विरोध हुआ था. बाद में सफाई देते हुए तालिबान ने कहा था कि यह फैसला शिक्षकों को कमी के चलते लिया गया. जल्द इसे फिर शुरू कर दिया जाएगा.
95 फीसदी आबादी झेल रही किल्लत
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से ही हालत बद्तर हो गए हैं. देश की 95 फीसदी आबादी अनाज और खाने-पीने के सामान से जुड़ी किल्लत का सामना कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में अनाज से जुड़ी किल्लत का सामना करने वालों में सबसे बड़ी संख्या अफगानिस्तान के लोगों की है. यहां 2 करोड़ 30 लाख लोग भुखमरी जैसे हालातों से जूझ रहे हैं.
सड़कों पर नजर नहीं आतीं महिलाएं
हाल ही में आजतक की टीम ने तालिबानी राज के 8 महीने पूरे होने पर अफगानिस्तान के हालातों का जायजा लिया था. टीम ने राजधानी काबुल के कई इलाकों में घूमकर वहां के हालात जाने थे. लेकिन वहां कहीं पर भी महिलाएं नजर नहीं आई थीं. एयरपोर्ट से लेकर काबुल की सड़कों तक महिलाएं हर जगह नदारद मिली थीं.