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Concert Economy: टेलर स्विफ्ट... वो मॉडर्न पॉप सेंसेशन जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में फूंक देती हैं जान

स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम ये है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं. कॉन्सर्ट के जरिए सिंगापुर जैसे कई देशों की गड़बड़झाल इकोनॉमिक्स को दुरुस्त कर चुकीं स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है. लेकिन स्विफ्ट को लेकर दुनियाभर में इतनी दीवानगी क्यों हैं और वह कैसे किसी देश की गिरती जीडीपी की दिशा बदल देती हैं?

टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट का दुनियाभर में क्रेज टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट का दुनियाभर में क्रेज
Ritu Tomar
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

मुझे बस इतना पता है लोग हमेशा आपका साथ नहीं देंगे लेकिन टैलेंट देगा, म्यूजिक मेरा वही टैलेंट है... टेलर स्विफ्ट ने ये बयान आज से सालों पहले उस समय दिया था, जब वो बियॉन्से, लेडी गागा और केटी पैरी जैसे स्टार्स के बीच अपनी जगह बनाने की जद्दोजहद कर रही थीं. लेकिन उस समय उन्हें जरा भी इल्म नहीं था कि एक दिन वो ऐसी पॉप सेंसेशन बन जाएंगी जो अपने म्यूजिक के दम पर कई मुल्कों की हिचकोले खाती अर्थव्यवस्थाओं को मंदी से उबार देंगी. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था. उन्होंने ये जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की धाकड़ सफलता के बाद कॉन्सर्ट इकोनॉमी में बेइंतहा स्कोप को लेकर किया था. लेकिन कॉन्सर्ट इकोनॉमी का जो बीज पॉप किंग माइकल जैक्सन दशकों पहले बो चुके थे. उसकी सफलता की मिठास टेलर स्विफ्ट के हिस्से जमकर आ रही है.

स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम ये है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं. कॉन्सर्ट के जरिए सिंगापुर जैसे कई देशों की गड़बड़झाल इकोनॉमिक्स को दुरुस्त कर चुकीं स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है. लेकिन स्विफ्ट को लेकर दुनियाभर में इतनी दीवानगी क्यों हैं और वह कैसे किसी देश की गिरती जीडीपी की दिशा बदल देती हैं?

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रिकॉर्डतोड़ ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर स्विफ्ट एक ऐसी लकीर खींच चुकी हैं, जिसे पार करना किसी के लिए भी काफी मशक्कत भरा होगा. वह चार बार एल्बम ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीतकर प्रतिद्वंद्वियों के दांत खट्टे कर चुकी हैं. उनके नाम अरबों डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया की सबसे रईस संगीतकार बनने का तमगा भी है. टाइम मैगजीन कई दफा उन्हें Person of the Year डिक्लेयर कर चुका है. पर उनके करिअर का गोल्डन प्वॉइंट साबित हुआ The Eros Tour.

टेलर स्विफ्ट का The Eros Tour पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है. वह इस टूर के जरिए दुनिया के छोटे से लेकर बड़े देशों तक में 149 शो कर चुकी हैं. इस टूर से वह तकरीबन दो अरब डॉलर की डॉलर की कमाई कर चुकी हैं.

सिंगापुर की सरकार के साथ स्विफ्ट का एग्रीमेंट और छिड़ा विवाद

लेकिन सबसे रोचक ये है कि The Eros Tour कई देशों की तकदीर बदल चुका है, जिसमें सिंगापुर का जिक्र करना बहुत जरूरी हो जाता है. साउथईस्ट एशिया के इस छोटे से देश को लेकर 2023 में कई रेटिंग एजेंसियों ने अनुमान लगाए. अनुमान ऐसे कि सिंगापुर की सरकार को मंदी का खतरा नजर आने लगा. कहा जाने लगा कि 2024 में देश की विकास दर 2.3 से 2.5 फीसदी ही रहेगी. ये वो समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजनाओं में मशरूफ थीं. 

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पिछले साल जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, जहां वो कॉन्सर्ट कर सकें. आनन-फानन में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया. 

इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए. लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने एरोस टूर को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिणपूर्व एशिया देश में लेकर नहीं जाएगी. स्विफ्ट मान गईं और 2 से 9 मार्च 2024 के बीच सिंगापुर के नेशनल स्टेडियम में उन्होंने छह शो किए.

सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के इस शो ने धमाल कर दिया. हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 37.5 करोड़ डॉलर का सीधा सीधा फायदा पहुंचा. 2024 की पहली छमाही में सिंगापुर की जीडीपी में 2.9 फीसदी का इजाफा हुआ. 

लेकिन टेलर स्विफ्ट के साथ सिंगापुर की इस सशर्त डील पर पड़ोसी देश इंडोनेशिया और थाईलैंड बिदक गए. थाईलैंड सरकार ने सिंगापुर पर राजनीति करने का आरोप लगाया. इंडोनेशिया ने भी सिंगापुर पर क्षेत्र में असंतुलन बिगाड़ने के आरोप मढ़े. लेकिन सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने साफ कह दिया कि उन्होंने देश की जीडीपी में बूस्ट के लिए ये फैसला लिया है. सरकार का ये फैसला ना किसी के खिलाफ है ना किसी के पक्ष में बल्कि ये सिंगापुर के हितों से जुड़ा हुआ है.

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स्विफ्ट के इस कॉन्सर्ट के बाद सिंगापुर से ऐसी-ऐसी कहानियां निकलकर सामने आईं, जिनसे पता चला कि स्विफ्ट ने एक देश को मंदी की चपेट में आने से पहले ही बाहर खींच लिया. कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे. बाजार वीराने पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे.

लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई. लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े. आसपास के देशों से टूरिस्ट सिंगापुर पहुंचने लगे. होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा होना लगा. तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में उमड़े थे. अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक सिंगापुर पहुंचे थे. फूड और ड्रिंक्स पर 30 फीसदी खर्च बढ़ा. होटलों में किराया 10 फीसदी तक बढ़ गया था. ये टेलर स्विफ्ट को लेकर जुनून था कि सिंगापुर की अर्थव्यवस्था एक तिमाही में 3,245 करोड़ रुपये हो गई.

इकोनॉमी पर स्विफ्ट का इफेक्ट

टेलर स्विफ्ट का द इरोज टूर कोरोना महामारी के बाद उस समय शुरू हुआ था, जब लॉकडाउन की वजह से लोगों की सेविंग्स सेफ थी और टूरिज्म सेक्टर सबसे बड़े झटके से उबर रहा था. लॉकडाउन की वजह से घर की चारदीवारी के भीतर कैद लोगों ने इसी सेविंग्स को टूरिज्म और इंटरटेनमेंट पर खर्च करना शुरू कर दिया.

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दुनिया के कई मुल्कों की इकोनॉमी में म्यूजिक कॉन्सर्ट की बड़ी भूमिका रही है. सिंगापुर से पहले जापान में टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट से देश की इकोनॉमी को 22.8 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ था. मेक्सिको में भी स्विफ्ट के कॉन्सर्ट से छप्परफाड़ कमाई हुई थी. अकेले 2023 में लाइव कॉन्सर्ट से दुनियाभर में करीब 31 अरब डॉलर की कमाई हुई है और आने वाले वर्षों में इसमें बड़ा उछाल देखने को मिलेगा. 

साफ है कि टेलर स्विफ्ट जिन-जिन शहरों और देशों में गईं, वहां की अर्थव्यवस्था में बूस्ट देखा गया. ऐसे में अब भारत में भी लोग पलक-पांवड़े बिछाए टेलर स्विफ्ट के आने की बाट जोह रहे हैं.

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