
पाकिस्तान के कराची के नारायणपुरा इलाके के एक दुर्गा मंदिर में कल शाम दो चरमपंथी युवकों द्वारा मंदिर के अंदर स्थापित मूर्तियों को हथौड़े से तोड़ने के मामले में बवाल छिड़ गया है. इसको लेकर आज कराची सिटी कोर्ट और प्रेस क्लब के सामने सैकड़ों पाकिस्तानी हिन्दुओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया. इसमें सैकड़ों की तादाद में महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया और जल्द से जल्द आरोपियों को सजा देने की मांग की, ताकि दुबारा पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिन्दुओं और उनके धर्म के साथ इस तरह का व्यवहार न हो. उधर कराची सिटी कोर्ट ने पकड़े गए चरमपंथी युवक मो. वलीद को 14 दिनों के रिमांड पर भेज दिया है.
'मामले को दबाने की कोशिश में मीडिया'
कराची के मंदिर में कल हुई इस घटना से वहां के स्थानीय लोग काफी नाराज हैं.अभी भी इलाके में काफी भीड़ और तनाव का माहौल है. स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं देख रही है, अब तक दूसरा आरोपी नहीं पकड़ा गया है. वही दूसरी तरफ स्थानीय मीडिया इस मामले की खबर को दबाने में लगी है. इसलिए ये लोग कल बुधवार की शाम 5 बजे करांची प्रेस क्लब के सामने इससे भी जोरदार प्रदर्शन करेंगे.
मुस्लिम समुदाय कर रहा घटना की निंदा
वही इस मामले के कारण सौहार्द न बिगड़े इसको लेकर स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग घटना की निंदा कर रहे हैं. साथ ही इस मामले में दोषियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं और उन्हें जल्द सजा देने की मांग भी कर रहे हैं. इसमें बैरिस्टर अख्तर हुसैन जब्बार ने भी प्रमुखता से भाग लिया और पाकिस्तानी हिन्दुओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस मामले आरोपी को हम सजा दिला कर रहेंगे और हम आपके साथ हैं.
'अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे सिंध सरकार'
पाकिस्तान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कराची में एक हिंदू मंदिर पर हमले की निंदा करते हुए कहा है कि "पाकिस्तान में इस तरह के हमलों का यह कोई पहला मामला नहीं है. सिंध सरकार को अपने अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए."
22 महीनों में हिंदू मंदिर पर 9वां हमला
इधर भारत में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे "अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य समर्थित आतंक" बताया. सिरसा ने ट्वीट करते हुए विदेश मंत्री डॉ जयशंकर से इस मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाने के लिए आग्रह किया. पाकिस्तान में कुछ भी नहीं बदला है, सुप्रीम कोर्ट के नोटिस और सरकार के दावे के बावजूद 22 महीनों में हिंदू मंदिर पर यह 9वां हमला है, वहां की पुलिस और सरकार इस पर कुछ काम करते नहीं दिख रहे हैं.