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पाकिस्तान में पुलिस चौकी पर बड़ा आतंकी हमला, 10 पुलिसकर्मियों की मौत, 3 घायल

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक बार फिर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. डेरा इस्माइल शहर में आतंकियों ने एक पुलिस चौकी को निशाना बनाया है. इस हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है.

टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान के सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर) टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान के सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

पाकिस्तान में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पाकिस्तानी पुलिस की एक चौकी पर हमला किया है. इस हमले में कम से कम 10 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की खबर है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तरी-पश्चिम शहर डेरा इस्माइल खान के पास एक चौकी पर हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी फ्रंटियर पुलिस के 10 जवान मारे गए हैं. तीन पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं.

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अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी का हाथ हो सकता है. एक दिन पहले ही 24 अक्टूबर को टीटीपी ने डेरा इस्माइल खान में सुरक्षाबलों पर हमलैा किया था.

टीटीपी ने एक तरह से पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. टीटीपी के आतंकी आए दिन पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहे हैं. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी के आतंकी एक्टिव हो गए हैं और उसके बाद से ही हमलों में तेजी आ गई है.

क्या है टीटीपी?

टीटीपी की जड़ें 2002 में ही जमनी शुरू हो गई थीं. अक्टूबर 2001 में जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान की सत्ता से तालिबान को बेदखल किया तो उसके आतंकी भागकर पाकिस्तान में बस गए थे. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिया था. 

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दिसंबर 2007 में बैतुल्लाह महसूद ने टीटीपी का ऐलान किया. 5 अगस्त 2009 को महसूद मारा गया. उसके बाद हकीमउल्लाह महसूद टीटीपी का नेता बना. 1 नवंबर 2013 को उसकी भी मौत हो गई. हकीमउल्लाह की मौत के बाद मुल्ला फजलुल्लाह नया नेता बना. 22 जून 2018 को अमेरिकी सेना के हमले में वो भी मारा गया. अभी नूर वली महसूद टीटीपी का नेता है.

पाकिस्तान तालिबान अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है. लेकिन दोनों का मकसद एक ही है और वो ये कि चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंको, कट्टर इस्लामिक कानून लागू कर दो. अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट बताती है कि टीटीपी का मकसद पाकिस्तानी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ आंतकी अभियान छेड़ना है और तख्तापलट करना है.

टीटीपी के नेता खुलेआम कहते हैं कि उनका मकसद पूरे पाकिस्तान में इस्लामी खिलाफत लाना चाहता है और इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत होगी.

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