
मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के पॉलिटिकल विंग ने लगभग पांच महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में अपनी राजनीतिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं. सईद के प्रतिबंधित संगठन का नया चेहरा मानी जाने वाली पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) ने लाहौर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सरकार के खिलाफ महंगाई, बिजली और गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर प्रदर्शन किया.
पीएमएमएल के इस विरोध प्रदर्शन को ताबिश कय्यूम और मुजम्मिल इकबाल हाशमी ने संबोधित किया, जिन्हें अमेरिका 2018 में वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल कर चुका है. दिलचस्प बात यह है कि पंजाब में मरियम नवाज की सरकार ने लाहौर में शांति और व्यवस्था बनाए रखने और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को जेल में बंद अपने नेता (खान) की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन करने से रोकने के लिए धारा 144 के तहत चार या अधिक लोगों के एकसाथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा रखा है.
पीएमएमएल ने फरवरी 2024 के आम चुनावों में हिस्सा लिया था, जिसे जेल में बंद हाफिज सईद के प्रतिबंधित समूहों का एक नया चेहरा माना जाता है. इस संगठन ने पाकिस्तान के आम चुनावों में जो उम्मीदवार खड़े किए थे, उनमें से कुछ हाफिज सईद के रिश्तेदार थे या प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जमात-उद-दावा (JuD) या मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) से जुड़े हुए थे. लाहौर में विरोध प्रदर्शन गत फरवरी के चुनावों के बाद पीएमएमएल की पहली सार्वजनिक राजनीतिक गतिविधि थी.
ताबिश कय्यूम ने अपने संबोधन के दौरान कहा, 'हम महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे'. कय्यूम ने कहा कि पीएमएल-एन सरकार ने अपने खर्चों में कटौती करने की बजाय भारी टैक्स लगाकर सारा बोझ जनता पर डाल दिया है. अगर सरकार जनता को राहत देने में विफल रही तो अगले चरण में पीएमएमएल सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर सकती है. 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने टेरर फंडिंग के कई मामलों में दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. वह फिलहाल लाहौर जेल में बंद है.
उसे 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'वैश्विक आतंकवादियों' की सूची में शामिल किया गया था. पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जेयूडी और उसके सहयोगी दलों और संस्थानों को भी सूचीबद्ध किया है, जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खालिक इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और मुआज बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल हैं.