
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हवाई हमला जारी है. इजरायल की तरफ से किए गए एयरस्ट्राइक में गाजा के एक इलाके में स्थित एक बहुमंजिला इमारत ध्वस्त हो गई. इस इमारत में एसोसिएटेड प्रेस, अल-जजीरा के ऑफिस भी तबाह हो गए. इस इमारत में कई अन्य ऑफिस और अपार्टमेंट्स भी थे.
यह एयर स्ट्राइक शनिवार को हुई. हमले से एक घंटे पहले इजरायल की मिलिट्री ने इमारत खाली करने के आदेश दिए थे. इमारत ध्वस्त क्यों की गई इस संदर्भ में इजरायल की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. इजरायल की तरफ से यह हमला नया नहीं है. इससे पहले इजरायल की ओर से गाजा सिटी में रिफ्यूजी कैंप वाले इलाके में हमला किया गया था. इस हमले में फिलिस्तीन के 10 नागरिक मारे गए थे जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल थे.
इजरायल की मिलिट्री ने शनिवार को कहा कि उसने हमास के शीर्ष नेता के घर पर बम गिराया है. इजरायल की आर्मी का दावा है कि उसने हमास ग्रुप के खलिल एल हयाह के घर पर बमबारी की है. इजरायल की सेना ने आरोप लगाया कि जिस घर पर बमबारी की गई है वो घर आतंकी समूह के "आतंकवादी ढांचे" के हिस्से के रूप में काम करता था.
यरूशलम से हुई हिंसा की शुरुआत
इस बार हिंसा की शुरुआत यरूशलम से हुई और अब यह देखते-देखते पूरे क्षेत्र में फैल गई है. अरब और यहूदियों की मिश्रित आबादी वाले इजरायली शहरों में दंगे भी हुए. शुक्रवार को एक इलाके में फिलिस्तीन के लोगों ने प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान इजरायल के सैन्य बलों ने फिलिस्तीन के 11 नागरिकों को मार गिराया था.
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बता दें कि यह हिंसा ऐसे समय में हो रही है जब फिलिस्तीन लोग शनिवार को 'नकबा दिवस मना रहे थे. इस दौरान यहां के लोग 1948 के युद्ध में इजरायल द्वारा मारे गए फिलिस्तीन के हजारों नागरिकों को याद किया जा रहा था. ऐसे में इस हिंसक संघर्ष के और बढ़ने की आशंका जताई गई है.
हमास ने सोमवार रात से इजरायल में सैकड़ों रॉकेट दागे हैं. गाजा में कम से कम 139 लोग मारे गए हैं जिनमें 39 बच्चे और 22 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल में सात लोगों के मारे जाने की खबर है. इनमें पांच साल का एक बच्चा और एक सैनिक शामिल हैं.
जमीन की लड़ाई
फिलिस्तीनियों की जमीनें हथियाना इजरायल की यहूदी सरकार की पुरानी आदत रही है और यही कर के इजराइल ने पूरे फिलिस्तीन पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है. कब्जे के विवाद के बाद यूएन की निगरानी में दोनों देशों का एक और नक्शा खींचा गया, जिसमें आधे से ज्यादा हिस्सा इजरायल के हवाले कर दिया गया और आधा हिस्सा बचा फिलिस्तीन के खाते में. 1967 आते-आते इजरायल ने फिलिस्तीन पर हमला कर के उसे इतना छोटा कर दिया और हालात यह है कि जैसा इजरायल 1946 में था वैसा अब फिलिस्तीन बचा है.
ये अकेले इजराइल के बूते की बात नहीं थी. इस काम में दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें उसके साथ खड़ी रहीं. संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने तब तक आंखें मूंदे रखीं जब तक इजराइल का कब्जा पूरे देश पर नहीं हो गया और अभी भी संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को ये तबाही नहीं दिखती है क्योंकि इन अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बात हो या फिर अमेरिकी सियासत में दबदबे की. दुनिया के बड़े-बड़े यहूदी बिजनेसमैन ने इन्हें पैसों और पॉवर के दम पर अपने साथ कर रखा है.