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नहीं चला आपातकाल का दांव, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव संसद में पेश

दक्षिण कोरिया के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश कर दिया है. इससे पहले, राष्ट्रपति यून के इस्तीफे और महाभियोग की मांग को लेकर सैकड़ों विपक्षी सांसद और पार्टी सदस्य बुधवार को नेशनल असेंबली के सामने इकट्ठा हुए थे.

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को हटाने के लिए संसद में महाभियोग पेश. (फाइल फोटो) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को हटाने के लिए संसद में महाभियोग पेश. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ का फैसला भले ही रद्द हो गया हो, लेकिन राष्ट्रपति राष्ट्रपति यून सुक योल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश कर दिया है. इससे पहले, राष्ट्रपति यून के इस्तीफे और महाभियोग की मांग को लेकर सैकड़ों विपक्षी सांसद और पार्टी सदस्य बुधवार को नेशनल असेंबली के सामने इकट्ठा हुए थे. 

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कई मंत्रियों ने दे दिया है इस्तीफा

दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक, राष्ट्रपति यून सुक योल के चीफ ऑफ स्टाफ सहित कैबिनेट के कई शीर्ष सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है कि कैबिनेट के 12 मंत्री इस्तीफा सौंप चुके हैं. कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है. मार्शल लॉ के फैसले का सिर्फ विरोधी ही नहीं बल्कि कैबिनेट के ही कई नेता भी विरोध कर रहे हैं. उनकी पार्टी पीपुल पावर पार्टी के बड़े नेता हान डोंग हून ने इस फैसले को गलत बताते हुए मुख्य विपक्षी नेता ली जे-म्यूंग से हाथ मिला लिए हैं.

सड़कों पर राष्ट्रपति के खिलाफ रैलियों निकाली जा रही हैं, जिसमें मांग की जा रही है कि उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाए. उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं.

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यह भी पढ़ें: क्या दक्षिण कोरियाई लोगों में बढ़ रही है नॉर्थ कोरिया को लेकर नरमी, क्यों एंटी-स्टेट गतिविधियों के हवाले से लगा था मार्शल लॉ?

राष्ट्रपति की बढ़ सकती है मुश्किलें

अगर नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से ज्यादा सांसद इसके पक्ष में वोट करते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है. बता दें कि नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति की पीपुल पावर पार्टी के 300 में से 108 सांसद हैं.

जानें महाभियोग के बाद क्या होगा

अगर नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से ज्यादा सांसद इसके पक्ष में वोट करते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है. महाभियोग के प्रस्ताव को संवैधानिक कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा. यहां नौ में से कम से कम छह जज अगर इसे मंजूरी दे देते हैं तो आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस दौरान अंतिम फैसला आने तक राष्ट्रपति को अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने की मनाही होगी. इस दौरान प्रधानमंत्री अंतरिम नेता के तौर पर कामकाज देखेंगे. महाभियोग होने के 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे.

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