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ग्रीन कार्ड पर ट्रंप की कैंची, लाखों लोगों को छोड़ना पड़ सकता है अमेरिका

अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के इक्छुक विदेशी मूल के लोगों को डोनाल्ड ट्रंप एक बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका के दो प्रभावी सिनेटर्स ने संसद में संशोधन प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका अगले दस साल में कानूनी तौर पर रह रहे इमीग्रेंट्स की संख्या को घटाकर आधी कर देगा.

ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करेगा ट्रंप का यह प्रस्ताव ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करेगा ट्रंप का यह प्रस्ताव
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली/ न्यूयार्क,
  • 09 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के इक्छुक विदेशी मूल के लोगों को डोनाल्ड ट्रंप एक बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका के दो प्रभावी सिनेटर्स ने संसद में संशोधन प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका अगले दस साल में कानूनी तौर पर रह रहे इमीग्रेंट्स की संख्या को घटाकर आधी कर देगा.

यह प्रस्ताव डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी के सिनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रैट पार्टी के सिनेटर डेविड पर्ड्यू ने दिया है. इस प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका के इमीग्रेशन नियमों में बदलाव करते हुए प्रति वर्ष विदेशी मूल के नागरिकों की हो रही एंट्री की संख्या में बड़ी कटौती की जाएगी.

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अमेरिकी संसद से इस प्रस्ताव को कानून बनने के बाद वहां रह रहे विदेशी नागरिकों को बड़ा झटका लगेगा. इसमें बड़ी संख्या में वह भारतीय नागरिक भी जो वहा ग्रीन कार्ड या पर्मानेंट रेसिडेंसी का बेसब्री से इंतजार करते हैं.

मौजूदा वक्त में अमेरिका प्रति वर्ष 10 लाख विदेशी नागरिकों को एंट्री देता है. इसे घटाकर 5 लाख किए जाने से उन सभी लोगों का अमेरिका में रहना मुश्किल हो जाएगा जिन्हें ग्रीन कार्ड या पर्मानेंट रेसिडेंसी नहीं मिली है.

2015 में 10,51,031 इमीग्रेंट्स अमेरिका पहुंचे थे. इस प्रस्ताव पर अमल के बाद पहले साल में इमीग्रेंट्स की कुल संख्या कम होकर 6,37,960 रह जाएगी और 10वें साल में यह 5,39,958 हो जाएगी.

गौरतलब है कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के लिए वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को 10 से 35 साल तक का इंतजार करना पड़ता है. इस कानून के बनने के बाद यह इंतजार और कई साल बड़ा हो जाएगा.

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