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बांग्लादेश में जुमे की नमाज के बाद जुटी भीड़, नारे लगाकर 3 हिंदू मंदिरों पर बोला धावा, की तोड़फोड़

शांतिनेश्वरी मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य तपन दास ने bdnews24.com को बताया कि जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोगों का जुलूस आया. उन्होंने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए. हमने हमलावरों को रोका नहीं. जब स्थिति बिगड़ गई, तो हमने सेना को बुलाया, जो तुरंत पहुंची और व्यवस्था बहाल करने में मदद की. दोपहर से पहले ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए.

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन करते इस्कॉन के संत. (PTI Photo) बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में कोलकाता में प्रदर्शन करते इस्कॉन के संत. (PTI Photo)
aajtak.in
  • ढाका,
  • 30 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नारे लगाती उपद्रवियों की भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की. चटगांव में इस्कॉन के पूर्व सदस्य और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर देशद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज होने और उनकी गिरफ्तारी के बाद से विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखी गई है. स्थानीय न्यूज पोर्टल BDNews24.com की रिपोर्ट के अनुसार, चटगांव के हरीश चंद्र मुंसेफ लेन में स्थित हिंदू मंदिरों पर हमला शुक्रवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ.

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उपद्रवियों की भीड़ ने शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया. मंदिर अधिकारियों ने बताया कि नारेबाजी कर रहे कई सौ लोगों के एक समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे शोनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए. कोतवाली थाना प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया. हालांकि, पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच टकराव में  मंदिरों को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है. दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंके.

दोपहर से पहले ही सभी मंदिरों के कपाट हुए बंद

शांतिनेश्वरी मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य तपन दास ने bdnews24.com को बताया, 'जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोगों का जुलूस आया. उन्होंने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए. हमने हमलावरों को रोका नहीं. जब स्थिति बिगड़ गई, तो हमने सेना को बुलाया, जो तुरंत पहुंची और व्यवस्था बहाल करने में मदद की. दोपहर से पहले ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए. बिना किसी उकसावे के पहुंचे बदमाशों ने हमला कर दिया.' बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के पूर्व सदस्य, आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें चटगांव की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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राजधानी ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों पर हिंदू समुदाय ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन शुरू किया. 30 अक्टूबर को, हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए, चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में चिन्मय कृष्ण दास सहित 19 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. भारत के विदेश मंत्रालय ने चिन्मस दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार पर चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा.

बांग्लादेश और भारत में बढ़ रहा राजनयिक तनाव

बांग्लादेश में लगातार हो रहे हिंदू विरोधी घटनाओं के कारण दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है. भारत ने 29 नवंबर को एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरती बयानबाजी, हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों के मामले बढ़े हैं. भारत ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना ढाका की प्राथमिक जिम्मेदारी है. दूसरी ओर, बांग्लादेश ने शुक्रवार को कोलकाता में अपने उप उच्चायोग पर हिंसक विरोध प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की और नई दिल्ली से भारत में अपने सभी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
 

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