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कम से कम दो साल तक तो येरूशलम में दूतावास नहीं ले जाएंगे: टिलरसन

तेल अवीव से दूतावास को येरूशलम ले जाने से जुड़े कदमों के बारे में टिलरसन ने कहा कि अमेरिका को एक स्थल को अधिग्रहित करने, योजना विकसित करने, खर्च के लिए कांग्रेस की मंजूरी प्राप्त करने की जरूरत होगी तभी वास्तव में दूतावास बन सकेगा.

अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन
रणविजय सिंह
  • पेरिस,
  • 09 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि अमेरिकी दूतावास को कम से कम दो साल तक येरूशलम नहीं ले जाया जाएगा. यहां फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन से बातचीत के बाद टिलरसन ने कहा, 'यह इस साल या संभवत: अगले साल भी नहीं होने वाला है, लेकिन राष्ट्रपति चाहते हैं कि हम जल्द से जल्द दूतावास को यरूशलम ले जाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं.'

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तेल अवीव से दूतावास को येरूशलम ले जाने से जुड़े कदमों के बारे में टिलरसन ने कहा कि अमेरिका को एक स्थल को अधिग्रहित करने, योजना विकसित करने, खर्च के लिए कांग्रेस की मंजूरी प्राप्त करने की जरूरत होगी तभी वास्तव में दूतावास बन सकेगा.

उन्होंने इस बात को दोहराया कि इस फैसले को इस्राइल और फिलिस्तीन के भविष्य में होने वाली शांति वार्ता के परिणाम के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. टिलरसन ने राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की, जिन्होंने विश्व के अन्य नेताओं के साथ इस कदम की निंदा की है.

बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की है. इस मौके पर ट्रंप ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपतियों ने इस बारे में अभियान चलाया, लेकिन इस वादे को पूरा करने में असफल रहे. आज मैं इस वादे को पूरा कर रहा हूं'

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ट्रंप ने अमेरिकी प्रशासन को इस बारे में निर्देश देते हुए कहा कि इजरायल के तेल अवीव स्थित अमेरिकी दूतावास येरूशलम ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाए. येरूशलम इस्लाम और ईसाईयों की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही यह इजरायल और अरब के बीच विवाद का भी केंद्र है. बता दें कि फिलिस्तीन पूर्वी येरूशलम को अपनी राजधानी मानता है, जहां अल अक्सा मस्जिद स्थित है.

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