
पिछले महीने 18 जून को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकली पनडुब्बी टाइटन विस्फोट का शिकार हो गई थी. हादसे में पनडुब्बी टाइटन पर सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के लगभग दो सप्ताह बाद टाइटैनिक के मलबे से करीब 1600 फीट की दूरी पर टाइटन पनडुब्बी का मलबा बरामद किया गया था.
वहीं, अब इस हादसे से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एनिमेशन के जरिए यह दिखाया गया है कि टाइटन पनडुब्बी पानी में क्यों और कैसे विस्फोट हुआ होगा.
समुद्र में उतरने के 45 मिनट बाद ही टाइटन पनडुब्बी से संपर्क टूट गया था. जिसके बाद अमेरिका ने पनडुब्बी की खोज के लिए एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया था. तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे यूएस कोस्ट गार्ड के अधिकारी ने बताया था कि पनडुब्बी भारी दबाव के कारण विस्फोट का शिकार हो गई.
वायरल वीडियो में भी एनिमेशन की मदद से यह दिखाया गया है कि समुद्र के अंदर पानी के भीतर भारी दबाव के कारण टाइटन पनडुब्बी में कैसे विस्फोट हुआ? सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को यूट्यूब अकाउंट AiTelly द्वारा पोस्ट किया गया है. पोस्ट करने के कुछ ही घंटे बाद से वीडियो पर लाखों व्यूज आ चुके हैं.
वीडियो बनाने में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
इस एनिमेशन वीडियो को बनाने के लिए ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर ब्लेंडर (Blender) का इस्तेमाल किया गया है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि पनडुब्बी का प्रयोगात्मक डिजाइन वास्तविक डिजाइन से कैसे अलग था. टाइटन के खोल (hull) को एयरोस्पेस ग्रेड कार्बन फाइबर से बनाया गया था जबकि यह खोल आमतौर पर स्टील या टाइटेनियम जैसी धातुओं से बनी होती है.
ब्रिटिश बेवसाइट डेली मेल के अनुसार, यूट्यूब चैनल को पनडुब्बी बनाने वाली कंपनी ओसियनगेट के डेटा को 3डी मॉडलिंग सॉफ्टवेयर में अपलोड करने में 12 घंटे लग गए. इस वीडियो में एनिमेटरों ने यह दिखाया है कि पनडुब्बी का अंदरुनी हिस्सा कैसा दिखता था. वीडियो बनाने वाले एनिमेटरों का कहना है कि यह बुनियादी गहराई तक गोता लगाने वाली पनडुब्बियों में से एक है.
इसी बीच एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि टाइटैनिक जहाज के मलबे तक पहुंचने के लिए टाइटन पनडुब्बी ने अब तक जितनी बार कोशिश की है, उसका 15 प्रतिशत से भी कम बार सफलता मिली है. इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाइटन ने अब तक कुल 90 बार टाइटैनिक तक पहुंचने की कोशिश की है, जिसमें से वह 13 बार ही मलबे तक पहुंच पाया. रिपोर्ट के मुताबिक, ओसियनगेट कंपनी की सफलता दर 14 प्रतिशत है.
ओसियनगेट कंपनी की पनडुब्बी टाइटन 2021 में यात्रियों को टाइटैनिक के मलबे तक ले जाना शुरू किया. प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और मैक्सिको की खाड़ी में टाइटन ने 14 से अधिक अभियान और 200 से अधिक गोता लगाए. इस दौरान कंपनी ने दो पनडुब्बियों का इस्तेमाल किया. हालिया हादसे में हुई पांच लोगों की मौत के बाद वायरल ईमेल से यह पता चलता है कि कंपनी को बार-बार यह चेतावनी दी गई कि पनडुब्बी सुरक्षित नहीं है. इसके बावजूद कंपनी ने अपना अभियान जारी रखा.
हादसे में पांच लोगों की हुई थी मौत
OceanGate कंपनी की पनडुब्बी टाइटन 18 जून को टाइटैनिक के मलबे देखने के लिए निकली थी. लेकिन शुरुआती दो घंटों के भीतर ही इससे संपर्क टूट गया. बाद में यह पता चला कि पनडुब्बी भारी दबाव के कारण विस्फोट का शिकार हो गई. इस हादसे में पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई. पनडुब्बी में सवार पांच लोगों में OceanGate के सीईओ स्टॉकन रश, ब्रिटिश-पाकिस्तानी टायकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और समुद्र विज्ञानी पॉल-हेनरी नार्जियोलेट शामिल थे.