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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में रिपब्लिकन पार्टी के सबसे मजबूत दावेदार माने जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल के लॉबिस्ट रह चुके पॉल मैनाफर्ट को शामिल किया है. इस काउंसिल को पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI का फ्रंट माना जाता है.
पॉल मैनाफर्ट की कंपनी को कथित तौर पर कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल की तरफ से 1990 से 1995 के बीच 7 लाख डॉलर मिले थे. इतना ही नहीं कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल के प्रमुख गुलाम नबी फई को अमेरिकी कोर्ट ने ISI से पैसे लेने के लिए और उसके लिए काम करने के आरोप में दो साल की सजा भी दी थी.
मैनाफर्ट के क्लाइंट भी बेहद विवादित रहे हैं. इनमें फिलिपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस और जाइर के क्रूर तानाशाह मोबुतू सेसे सेको के नाम शामिल हैं. इतना ही नहीं साल 2011 में कश्मीर काउंसिल के प्रमुख सैयद गुलाम नबी फई की गिरफ्तारी के बाद मैनाफर्ट का कश्मीरी लॉबिंग कॉन्ट्रेक्ट भी एफबीआई की नजर में था. कश्मीरी काउंसिल कश्मीर को लेकर अमेरिकी रणनीति को बदलने के लिए काम कर रहा था.