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दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति की बढ़ी मुश्किलें, महाभियोग के बाद लटकी गिरफ्तरी की तलवार

दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रपति यूं सुक येओस के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है. इस वारंट पर यूं की कानूनी टीम ने वारंट को "अवैध और अमान्य" बताया है और कहा है कि वे इसे अदालत में चुनौती देंगे.

दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति यूं. (फाइल फोटो) दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति यूं. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • सियोल,
  • 31 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रपति यूं सुक येओस के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के फैसले पर महाभियोग लाकर सत्ता से निलंबित कर दिया गया था. ये पहली बार है कि देश के किसी वर्तमान राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया जाएगा.

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वारंट को मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को यूं समर्थकों ने उनके आवास के बाहर जमा कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ओर पुलिस के बीच झड़प हो गई. यूं की कानूनी टीम ने वारंट को "अवैध और अमान्य" बताया है और कहा है कि वे इसे अदालत में चुनौती देंगे. क्योंकि दक्षिण कोरियाई कानून के तहत सीआईओ के पास वारंट जारी करने का अनुरोध करने का अधिकार नहीं है.

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गिरफ्तारी का नहीं है अधिकार

सोमवार को यूं की कानूनी टीम ने कहा कि जांचकर्ताओं के पास उसे गिरफ्तार करने का कोई अधिकार नहीं था, क्योंकि मार्शल लॉ घोषित करना राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकार के अंदर था.

शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप

वारंट में उनके अपनी शक्तिका दुरुपयोग करने और विद्रोह को उकसाने के लिए जांच की जा रही है. उसने पिछले दो हफ्तों में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए जारी तीन समन को नजरअंदाज कर दिया.

राजधानी सियोल की एक अदालत द्वारा अनुमोदित वारंट को निष्पादित करने के लिए जांचकर्ताओं को 6 जनवरी तक का वक्त दिया है.  हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि क्या जांचकर्ता वारंट को निष्पादित करने में सक्षम होंगे. क्योंकि उनकी सुरक्षा टीम और प्रदर्शनकारी जांच टीम को उनके आवास में एंट्री नहीं करने दे रही है.

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इससे पहले यूं ने मार्शल लॉ घोषित करने के अपने फैसले का बचाव किया था और अंत तक लड़ने की कसम खाई थी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारियों से नहीं बचेंगे.

'यूं को सियोल केंद्र में रखा जाएगा'

योनहाप समाचार एजेंसी ने सीआईओ के हवाले से बताया कि गिरफ्तार होने के बाद यूं को सियोल हिरासत केंद्र में रखा जाएगा. वहीं, संयुक्त जांच मुख्यालय ने एक बयान में कहा कि संयुक्त जांच कार्यालय (CIO) द्वारा निलंबित किए गए राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और तलाशी वारंट सुबह ही जारी किया गया था.

सीआईओ ने बताया कि अदालत ने यूं के आवास के लिए तलाशी वारंट को भी मंजूरी दे दी है. इससे पहले पुलिस ने जांच के तहत राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारने की कोशिश की थी, लेकिन राष्ट्रपति सुरक्षा टीम को एंट्री करने से रोक दिया. साथ ही अब तक अभियोजकों ने यूं के मार्शल लॉ के संबंध में तीन शीर्ष रक्षा अधिकारियों पर अभियोग लगाया है.

अल्पकालिक मार्शल लॉ घोषणा के बाद से दक्षिण कोरिया राजनीतिक संकट में है, यूं और उसके उत्तराधिकारी दोनों पर विपक्ष के प्रभुत्व वाली संसद द्वारा महाभियोग लगाया गया है. यूं गिरफ्तारी का सामना करने वाले दक्षिण कोरिया के पहले मौजूदा राष्ट्रपति हैं.

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14 दिसंबर को राष्ट्रपति को किया निलंबित

आपको बता दें कि सांसदों द्वारा उन पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान करने के बाद उन्हें 14 दिसंबर से राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों से निलंबित कर दिया. उन्हें केवल तभी पद से हटाया जा सकता है जब उनके महाभियोग को देश की संवैधानिक अदालत द्वारा बरकरार रखा जाता है.

वहीं, मंगलवार को चोई ने दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की, लेकिन कहा कि तीसरे के लिए विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच आम सहमति की जरूरत होगी.

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