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सबूत सौंपने की बात आई तो पैंतरेबाजी पर उतरे ट्रूडो, बोले- कनाडा ने कई सप्ताह पहले भारत को दिए थे साक्ष्य

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उनके देश ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में ‘विश्वसनीय आरोपों’ के सबूत भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे.

जस्टिन ट्रुडो बोले- कनाडा ने भारत को कई हफ्ते पहले दिए थे सबूत जस्टिन ट्रुडो बोले- कनाडा ने भारत को कई हफ्ते पहले दिए थे सबूत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत को सबूत पेश करने के मामले पैंतरेबाजी कर रहे हैं. ट्रूडो ने अब कहा है कि कनाडा ने "कई सप्ताह पहले" भारत के साथ कथित सबूत साझा किए थे. इन सबूतों में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का दावा किया गया था. 

अब ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा इस मामले में भारत को कई हफ्ते पहले सबूत दे चुका है. उन्होंने कहा है कि नई दिल्ली इस गंभीर मसले पर तथ्यों की तह तक जाने के लिए ओटावा के साथ ‘प्रतिबद्धता के साथ काम करे.’ हालांकि, ट्रूडो ने उन सबूतों के बारे में विस्तार से नहीं बताया जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ साझा कर चुके हैं.  

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हफ्तों पहले साझा किए थे सबूत

एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रुडो ने कहा, 'कनाडा ने उन विश्वसनीय आरोपों को भारत के साथ साझा किया है जिनके बारे में मैंने सोमवार को बात की थी. हमने कई सप्ताह पहले यह जानकारी साझा की थी…हमें उम्मीद है कि वे हमारे साथ बातचीत करेंगे ताकि हम इस बेहद गंभीर मामले की तह तक जाया जा सकें.' ट्रूडो ने कनाडा की यात्रा पर आए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को कहा,'मैं बस यह कहना चाहता हूं कि हमने हफ्तों पहले उन आरोपों, उन विश्वसनीय आरोपों को भारत के साथ साझा किया था. हम अपने साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं.'

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विदेश मंत्रालय की दो टूक

कनाडा द्वारा इस मामले में भारत के साथ कोई जानकारी साझा करने के बारे में पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,'कनाडा ने इस मामले पर तब या उससे पहले या बाद में कोई खास जानकारी साझा नहीं की. आप जानते हैं कि कि हमने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी विशेष सूचना पर विचार करने के लिए तैयार हैं.' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हमने कनाडाई पक्ष को यह बता दिया है और उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि हम हमें प्रदान की गई किसी भी विशिष्ट जानकारी पर गौर करने को तैयार हैं.'

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की इसी साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कुछ दिन पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने इस हत्याकांड के पीछे भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगा दिया जिसके बाद भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी के रूप में नामित किया था. भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को 'बेतुका' और 'प्रेरित' कहकर खारिज कर दिया. इस मामले पर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी के निष्कासन के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.

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फाइव आईज के बीच साझा हुई थी जानकारी

ट्रूडो ने कहा कि कनाडा इस मामले पर अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहा है. कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने भी पुष्टि की कि इस मामले को लेकर 'फाइव आईज' के साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा हुई थी. ट्रूडो को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के बारे में 'फाइव आईज' सूचित किया था. सीटीवी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, 'फाइव आईज पार्टनर्स' द्वारा कनाडा के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के बारे में किसी भी अमेरिकी सरकारी अधिकारी द्वारा यह पहली स्वीकारोक्ति है, जबकि इसके बारे में कई अनौपचारिक और गैर-आधिकारिक रिपोर्ट्स सामने आई थी.

'फाइव आइज़' नेटवर्क एक ख़ुफ़िया गठबंधन है जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं. यह निगरानी-आधारित और सिग्नल इंटेलिजेंस (SIGINT) दोनों है। सीटीवी ने कहा, 'उन्होंने (कोहेन) ने वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट का खंडन करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ट्रूडो के विस्फोटक खुलासे से कुछ हफ्ते पहले, ओटावा ने अमेरिका सहित अपने करीबी सहयोगियों से सार्वजनिक रूप से हत्या की निंदा करने के लिए कहा था और उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया था.'

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अमेरिका का बड़ा बयान

कोहेन ने कहा, "मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहूंगा - और आप मुझे अच्छी तरह से जानते हैं - कि मुझे निजी राजनयिक बातचीत पर टिप्पणी करने की आदत नहीं है. मैं कहूंगा कि यह साझा ख़ुफ़िया जानकारी का मामला था. कनाडा और अमेरिका के बीच इस बारे में बहुत बातचीत हुई थी.' कोहेन की टिप्पणी तब आई जब विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि कनाडा के प्रधान मंत्री ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में अमेरिका बेहद चिंतित है और वाशिंगटन इस मुद्दे पर ओटावा के साथ "बारीकी से समन्वय" कर रहा है और मामले में "जवाबदेही" तय करना चाहता है.

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शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर सीधे भारत सरकार से बातचीत की है और सबसे उपयोगी बात इस जांच को पूरा करना होगा. उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे पर अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ बहुत निकटता से परामर्श कर रहे हैं - और न केवल परामर्श कर रहे हैं, बल्कि उनके साथ समन्वय भी कर रहे हैं. हमारे दृष्टिकोण से, यह महत्वपूर्ण है कि कनाडाई जांच आगे बढ़े, और यह महत्वपूर्ण होगा कि भारत इस जांच पर कनाडाई लोगों के साथ काम करे. हम जवाबदेही देखना चाहते हैं, और यह महत्वपूर्ण है कि जांच अपना काम करे और उस परिणाम तक पहुंचे.'

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भारत ने यह भी कहा कि उसके पास कनाडाई धरती पर मौजूद लोगों की आपराधिक गतिविधियों के बारे में बहुत "विशिष्ट सबूत" हैं और इसे नियमित आधार पर कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया है लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की गई है.

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