
खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंट्स पर लगाया है और भारत इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर चुका है. खुद कनाडा के पत्रकार और विश्लेषकों ने ट्रूडो के आरोपों पर संदेह जताया है. विश्लेषक मानते हैं घरेलू राजनीति के कारण वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.
गुरुद्वारे के अंदर भिंडारवाले की तस्वीर
'इंडिया टुडे' कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित उस गुरुद्वारे में पहुंचा जहां जुलाई में खालिस्तान के मुद्दे को लेकर एक अनौपचारिक जनमत संग्रह हुआ था. यह गुरुद्वारा कनाडा के सबसे पुराने गुरुद्वारों में से एक हैं और यहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के सिख रहते हैं.इस गुरुद्वारे के अंदर खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले और आतंकवादियों के रूप में नामित अन्य लोगों की तस्वीरें "शहीदों" के रूप में प्रदर्शित की गईं हैं.
पत्रकार और विश्लेषकों की राय
कनाडा में पत्रकारों और विश्लेषकों का कहना है कि इस मुद्दे का एक लंबा इतिहास है, जिसके तार 1984 के सिख विरोधी दंगों तक जुड़े हुए हैं. ये सारी बातें सिख प्रवासियों के दिमाग में बसी हुई हैं और इसका इस्तेमाल अब घरेलू राजनीतिक एजेंडे के लिए किया जा रहा है. विश्लेषक मानते हैं कि गुरपतवंत सिंह पन्नू और खालिस्तान समर्थकों को महज 1-2% आबादी का समर्थन प्राप्त है.
पत्रकार जयदीप सिंह मौजूदा हालात को कूटनीतिक विफलता बताते हुए कहते हैं कि इस स्थिति का एक ऐतिहासिक संदर्भ है जिसका उपयोग राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए किया जा रहा है. पत्रकार विक्रम चौधरी का कहना है कि ट्रूडो का यह रुख उनकी घरेलू राजनीतिक मजबूरियों के कारण है.
भारत ने खारिज किए ट्रुडो के आरोप
ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाया है जिससे कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
उधर, भारत में 2019 से प्रतिबंधित कनाडा के खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने भारतीय मूल के हिंदुओं के खिलाफ एक बार फिर जहर उगला है. संगठन ने कहा था कि भारतीय मूल के हिंदू कनाडा छोड़कर चले जाएं. SFJ ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के हिंदू अपने भारतीय होने का जश्न मनाते हैं और उन्होंने खालिस्तानी 'नेता' हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर जश्न मनाकर हिंसा को बढ़ावा दिया है.