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मस्क का मास ईमेल और ट्रंप का एक्शन... ऐसे रातोरात चली गई USAID के 2 हजार कर्मचारियों की नौकरी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के 2000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और हजारों अन्य को छुट्टी पर भेजने की अधिसूचना जारी की है.

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने USAID को लेकर बड़ा फैसला लिया है डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने USAID को लेकर बड़ा फैसला लिया है
aajtak.in
  • वॉशिंगटन ,
  • 24 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के 2000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और हजारों अन्य को छुट्टी पर भेजने की अधिसूचना जारी की है.

इससे पहले एलन मस्क ने अमेरिका के लाखों संघीय कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा था. इन कर्मचारियों को 48 घंटे में बताना था कि पिछले हफ्ते उन्होंने फिजूलखर्ची को कम करने के लिए क्या किया? दरअसल, ट्रंप ने मस्क को सरकारी दक्षता विभाग का प्रमुख बनाया है. मस्क को सरकारी खर्च में कटौती और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.

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एपी की रिपोर्ट के अनुसार ये कदम एक संघीय न्यायाधीश द्वारा शुक्रवार को प्रशासन को USAID कर्मचारियों को काम से हटाने की अनुमति देने के बाद उठाया गया है. यूएस डिस्ट्रिक्ट जज कार्ल निकोल्स ने कर्मचारियों द्वारा सरकार की योजना पर अस्थायी रोक लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया.

USAID कर्मचारियों को भेजी गई अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि 23 फरवरी को रात 11:59 बजे से USAID के सभी प्रत्यक्ष नियुक्त कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर रखा जाएगा, सिवाय उन कर्मचारियों के जो मिशन-आधारित आवश्यक कार्यों, प्रमुख नेतृत्व और विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों से जुड़े हैं.

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USAID पर प्रशासन का सख्त रुख

ट्रंप प्रशासन ने पहले ही USAID के वॉशिंगटन स्थित मुख्यालय को बंद कर दिया है और वैश्विक स्तर पर हजारों अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को रोक दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बजट सुधारक एलन मस्क का कहना है कि विदेशी सहायता और विकास कार्य अनावश्यक खर्च और उदारवादी एजेंडे को बढ़ावा देते हैं.

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विदेशों में तैनात कर्मचारियों के लिए चिंता

USAID कर्मचारियों विशेष रूप से विदेशों में तैनात लोगों ने सरकार से अपने सुरक्षा और संचार सुविधाओं की चिंता जताई थी. इस पर न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि विदेशों में तैनात कर्मचारियों को आपातकालीन संचार की सुविधा दी जाएगी. इसके तहत टू-वे रेडियो और एक पैनिक बटन सुविधा वाला मोबाइल ऐप उपलब्ध रहेगा.

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USAID कॉन्ट्रैक्टर्स को भी झटका

USAID के सैकड़ों कॉन्ट्रैक्टर्स को भी अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है. जिनमें से कई को नाम-रहित टर्मिनेशन लेटर भेजे गए हैं. कर्मचारियों ने चिंता जताई कि इस तरह की अस्पष्ट अधिसूचना से उन्हें बेरोजगारी लाभ प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है.

कोर्ट का हस्तक्षेप

USAID को बंद करने की योजना के खिलाफ एक अन्य मामले में एक न्यायाधीश ने प्रशासन को विदेशी सहायता पर रोक लगाने से अस्थायी रूप से मना किया है. न्यायालय ने ट्रंप प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने अदालत के आदेश के बावजूद विदेशी सहायता को रोक रखा है और निर्देश दिया कि वैश्विक सहायता कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से फिर से शुरू किया जाए.

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