
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के ईरान न्यूक्लियर डील को मान्यता न देने का फैसला किया है. ट्रंप ने इस डील को रद्द करने की धमकी देते हुए कहा कि तेहरान समझौते का पालन नहीं कर रहा है.
ट्रंप ने शुक्रवार को नई ईरान नीति की घोषणा की, जोकि अमेरिकी नीतियों में बड़े बदलाव के तौर पर देखी जा रही है. अपने भाषण में ट्रंप ने ईरान के न्यूक्लियर और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम और मध्य पूर्व में चरमपंथियों के समर्थन को लेकर और ज्यादा आक्रामक रुख अपनाने के संकेत दिए हैं.
डील के भविष्य का संकेत देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान समझौते का पालन नहीं कर रहा है और उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान न्यूक्लियर हथियार न बना पाए.
ट्रंप ने ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गॉर्ड कॉर्प्स पर प्रतिबंध लगाने के संकेत देते हुए तेहरान की जमकर आलोचना की और सीरिया, यमन और ईराक में अमेरिकी कार्रवाई में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम उस पर रास्ते पर नहीं चल सकते जिसका अंत बहुत ज्यादा हिंसा, अत्यधिक आतंक हो और साथ में ईरान के परमाणु हथियारों की धमकी भी हो.
ईरान को लेकर ट्रंप के आक्रामक रुख की इजरायल ने तारीफ की है, जिसे ईरान का धुर विरोधी माना जाता है. हालांकि यूरोपीय सहयोगियों ने ट्रंप की आलोचना की है.
ट्रंप का यह कदम उनकी अंतर्राष्ट्रीय समझौतों में 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत देखा जा रहा है. जिसके तहत उन्होंने पेरिस क्लाइमेट समझौता और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप ट्रेड टॉक से अमेरिका को अलग कर लिया. इसके अलावा कनाडा और मेक्सिको के साथ नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर दोबारा बातचीत की.
अमेरिका की इस नई नीति ने तेहरान को नाराज कर दिया है. साथ ही समझौते के दूसरे साझेदारों के बीच वॉशिंगटन को अलग-थलग कर दिया है. इस समझौते में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और यूरोपियन यूनियन भी हस्ताक्षरकर्ता थे. इनमें से कई सारे देशों को ईरान के साथ व्यापार के मोर्च पर फायदा मिला है.
ट्रंप को जवाब देते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने शुक्रवार को कहा कि तेहरान समझौते के प्रति दृढ़ है. रोहानी ने ट्रंप को आधारहीन आरोप लगाने वाला बताया.
उन्होंने कहा कि ईरान और न्यूक्लियर डील अब और मजबूत हैं. ईरान किसी भी बाहरी ताकत के सामने कभी नहीं झुकेगा.