
अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं. दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ऐसे में बाइडेन और ट्रंप के अलावा जिस तीसरे शख्स की सबसे अधिक चर्चा हो रही है. वो हैं भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी.
विवेक रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं. उन्होंने इस साल 21 फरवरी को फॉक्स न्यूज के एक शो में राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा की थी. बीते हफ्ते रिपब्लिकन पार्टी के आठों उम्मीदवारों के बीच लाइव टीवी डिबेट हुई थी. इसी डिबेट के दौरान रामास्वामी ने ट्रंप को 21वीं सदी का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति बताया था. इसके बाद ट्रंप ने भी रामास्वामी की तारीफ कर उन्हें स्मार्ट शख्स बताया.
क्यों हैं ट्रंप की कार्बन कॉपी विवेक रामास्वामी?
लेकिन भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने रामास्वामी को स्मार्ट बताते हुए कहा है कि वह समझ गए हैं कि रिपब्लिकन पार्टी का आधार क्या है.
जकारिया ने इंडिया टुडे से बातचीत में 2024 राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने रामास्वामी को तेज तर्रार और चतुर बताते हुए कहा कि वह समझ गए हैं कि रिपब्लकिन पार्टी कैसे काम करती है. वह रिपब्लिकन पार्टी के डीएनए को समझ गए हैं.
जकारिया ने कहा कि रामास्वामी समझ गए हैं कि रिपब्लिकन पार्टी सत्ता विरोधी, संभ्रांतवाद विरोधी पार्टी है, जो हमेशा सरकार को भ्रष्ट, पाखंड से भरी हुई और षडयंत्र के सिद्धांतों पर चलने वाली सरकार के तौर पर देखती है.
उन्होंने कहा कि रामास्वामी के विचार उनके मूल विचार नहीं है लेकिन वे प्रभावी हो भी सकते हैं. ट्रंप रियल हैं लेकिन विवेक सहित बाकी सभी उनकी कार्बन कॉपी हैं. मुझे संदेह है कि ट्रंप राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्हें उपराष्ट्रपति के तौर पर चुनेंगे. मैं गलत भी हो सकता हूं.
बता दें कि ट्रंप ने रामास्वामी के बारे में कहा था कि वह बहुत बहुत बुद्धिमान शख्स हैं. उनके पास अच्छी ऊर्जा है. वह कुछ ना कुछ बन सकते हैं. वह एक स्मार्ट युवा है और उनमें काफी प्रतिभा है.
विवेक रामास्वामी (37) टेक सेक्टर के बड़े बिजनेसमैन हैं. विवेक रामास्वामी के बचपन में ही उनके माता-पिता केरल से अमेरिका जाकर बस गए थे. रामास्वामी ने 2014 में रोइवेंट साइंसेज (Roivant Sciences) की स्थापना की थी. उन्होंने 2015 और 2016 के सबसे बड़े बायोटेक आईपीओ की अगुवाई की थी.