
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को पहली बार संबोधित किया. इस बार भी ट्रंप के भाषण में उनके बाकी पसंदीदा मुद्दों के साथ आतंकवाद का जिक्र छिड़ा.
राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवाद का जिक्र सबसे पहले प्रवासियों के संदर्भ में किया. उनके मुताबिक अमेरिका अब कभी 9/11 जैसी वारदात को अपनी सरजमीं को नहीं होने देगा. ट्रंप की राय में इसके लिए जरुरी है कि आतंकवाद से प्रभावित देशों से आने वाले प्रवासियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए. ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनका प्रशासन किसी कीमत पर अमेरिका को आतंकियों की पनाहगाह नहीं बनने देगा. ट्रंप ने यूरोप में हालिया आतंकी घटनाओं की याद दिलाई और कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून-व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों को मजबूत किया जाएगा.
दुनिया भर के देशों, खासकर मुस्लिम मुल्कों में ट्रंप की सुरक्षा नीति को लेकर सस्पेंस बरकरार है. ट्रंप ने अपने भाषण में इस सस्पेंस का कुछ हद तक जवाब दिया. उन्होंने साफ किया कि आईएसआईएस के खिलाफ उनके देश की जंग जारी रहेगी और इसके लिए वो मुस्लिम मुल्कों से भी सहयोग लेंगे. ट्रंप का कहना था कि वो नाटो का पुरजोर समर्थन करते हैं लेकिन इस संगठन का खर्च उठाने में बाकी देशों को भी आगे आना होगा.
ट्रंप के भाषण में आतंकवाद के खिलाफ 5 वार-
-इस्लामिक आतंकवाद से अमेरिका को बचाएंगे. इस खतरे के खिलाफ हर जरूरी कदम उठाएंगे.
-अपने हितों को तरजीह देकर ही अमेरिका दोबारा महान बनेगा. अपनी सुरक्षा की कीमत पर दूसरे देशों की हिफाजत नहीं करेंगे.
-अमेरिका में किसी को भी आने देने का कारण होना चाहिए. अनियंत्रित एंट्री अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा है.
-गैंगों, ड्रग डीलर्स और अपराधियों के लिए अमेरिकी समाज में किसी प्रकार की जगह नहीं होनी चाहिए. इनसे अमेरिका के लोगों को और समाज को खतरा है.
-बॉर्डर सुरक्षा और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए हमारे प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं और देशहित में ये जारी रहेगा.